मुंबई उत्तर मध्य लोकसभा चुनाव 2024 परिणाम: बीजेपी के उज्जवल निकम 1400 वोट से आगे, कांग्रेस को झटका

 

महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से एक मुंबई उत्तर-मध्य लोकसभा सीट पर वोटों की गिनती जारी है. रुझानों में मशहूर वकील और बीजेपी उम्मीदवार उज्ज्वल निकम आगे चल रहे हैं. उन्हें 1400 वोटों की बढ़त मिली है. इस सीट पर बीजेपी का सीधा मुकाबला कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ से है. लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग हुई थी. तब यहां कुल 51.98 फीसदी वोट पड़े थे.

 

बेटियों के बीच चुनावी जंग

साल 2019 में इस लोकसभा सीट पर कुल 53.68 फीसदी वोटिंग हुई थी. उस समय बीजेपी के टिकट पर बीजेपी के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन 4 लाख 86 हजार वोट पाकर करीब 1 लाख 30 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीत गई थीं. उन्होंने प्रसिद्ध एक्टर और राजनेता सुनील दत्त की बेटी और कांग्रेस पार्टी की प्रिया सुनील दत्त को हराया था. प्रिया दत्त को कुल 3 लाख 56 हजार वोट ही मिले थे.

 

बीजेपी की इस लोकसभा सीट से पूनम महाजन साल 2014 के चुनाव में भी 4 लाख 78 हजार वोट पाकर 1 लाख 86 हजार वोटों के अंतर से जीती थीं. उस समय भी उन्होंने प्रिया दत्त को हराया था. इस बार प्रिया दत्त को कुल 2 लाख 91 हजार वोट मिले थे. प्रिया दत्त इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर साल 2009 में जीतकर संसद पहुंची थीं. उस समय उन्होंने बीजेपी के टिकट पर महेश जेठमलानी को हराया था.

 

इस चुनाव में प्रिया दत्त को कुल 3 लाख 19 हजार वोट मिले थे. वहीं महेश जेठमलानी को केवल 1 लाख 44 हजार वोट मिले. इस चुनाव में हार और जीत का फैसला 1 लाख 74 हजार वोटों के अंतर से हुआ था.

 

मुंबई उत्तर मध्य सीट का इतिहास

इस लोकसभा क्षेत्र में राज्य की छह विधानसभा सीटें विले पार्ले, चांदीवली, कुर्ला, कलिना, वांद्रे पूर्व और वांद्रे पश्चिम आदि शामिल हैं. यह सभी विधानसभा सीटें मुंबई उपनगर जिले की हैं. इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस को 7 बार विजय मिली है. इस सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ था. उस समय कांग्रेस के टिकट पर नारायण सदोबा काजरोलकर विजयी हुए थे.

 

1957 के चुनाव में यह सीट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के श्रीपाद अमृत डांगे और अनुसूचित जाति महासंघ के गोपाल कालूजी के पास चली गई थी. 1962 में कांग्रेस ने एक बार फिर यहां वापसी की और नारायण सदोबा काजरोलकर यहां से जीते और फिर 67 तथा 71 के चुनाव में कांग्रेस के ही आरडी भंडारे यहां से सांसद चुने गए. हालांकि 1973 में हुए उपचुनाव में यह सीट भाकपा के रोजा विद्याधर देशपांडे ने जीत ली. 1977 के चुनावों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की अहिल्या रंगनेकर चुनी गईं.

 

1980 में पहली बार यह सीट जनता पार्टी को मिली और प्रमिला दंडवते यहां से सांसद चुनी गईं. 84 में फिर से कांग्रेस को यहां विजय मिली, लेकिन 89 में शिवसेना के विद्याधर गोखले जीते. 91 में कांग्रेस के शरद दीघे, 96 में शिवसेना के नारायण अठावले चुने गए. नारायण अठावले ने 98 के चुनाव में आरपीआई का दामन थामा और विजयी हुए. 99 में इस सीट पर शिवसेना के मनोहर जोशी चुने गए. 2004 में कांग्रेस के एकनाथ गायकवाड़ और 2009 में प्रिया दत्त यहां से सांसद बनीं. वहीं 2014 के बाद से यह सीट बीजेपी के कब्जे में है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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