UP by-election: समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव ने उत्तर प्रदेश उपचुनाव को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकर्ता और नेता चुनाव प्रचार में पूरी तरह से जुट गए हैं और नतीजे ऐतिहासिक साबित होंगे। डिंपल ने राज्य की मौजूदा स्थिति पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपी के सभी वर्ग मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और बेरोजगारी चरम सीमा पर है। कानून व्यवस्था भी पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।
सांसद डिंपल यादव ने आगे कहा कि, ‘जब तक जनता की मुश्किलों को नजरअंदाज किया जाएगा, प्रदेश का भला होने वाला नहीं है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बुलडोजर दिखाकर लोगों पर अन्याय कर रही है और कस्टडी में मौत के मामले बढ़ रहे हैं। किसानों की समस्याएं भी बढ़ रही हैं और यूपी की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है।
78 उम्मीदवारों ने भरा नामांकन
डिंपल यादव ने यह भी कहा कि जैसे लोकसभा चुनाव में सपा ने मजबूती दिखाई थी, वैसे ही इस बार उपचुनाव में भी परिणाम सपा और गठबंधन के पक्ष में रहेंगे। उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के लिए 78 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है, जिससे नौ सीटों पर उम्मीदवारों की कुल संख्या 149 हो गई है। शुक्रवार को नामांकन पत्र दाखिल करने का आखिरी दिन था। चुनाव आयोग (ईसी) के अनुसार, नामांकन पत्रों की जांच 28 अक्टूबर को होगी और उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख 30 अक्टूबर है।
तेजप्रताप यादव की बड़ी जीत होगी- शिवपाल
शिवपाल सिंह यादव ने भी बयान देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार तेजप्रताप यादव की बड़ी जीत होगी। उन्होंने दावा किया कि 9 सीटें सपा और गठबंधन उन सभी सीटों पर जीत हासिल करेंगे। शिवपाल ने संविधान का हवाला देते हुए कहा, ‘संविधान भी कहता है कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी होने चाहिए।
इन सीटों पर होंगे उपचुनाव
यूपी में जिन सीटों पर उपचुनाव होंगे उनमें कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझावां (मिर्जापुर), शीशमऊ (कानपुर शहर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) शामिल हैं।
इन सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को मतगणना होगी। चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर को एक अदालती मामले के कारण मिल्कीपुर (अयोध्या) को छोड़कर यूपी विधानसभा की नौ सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की थी।
लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई थीं सीटें
इनमें से 8 सीटें मौजूदा विधायकों के लोकसभा चुनाव में सांसद चुने जाने के बाद खाली हो गई थीं। सीसामऊ सीट पर एक आपराधिक मामले में दोषी पाए गए सपा विधायक इरफान सोलंकी की अयोग्यता के कारण उपचुनाव जरूरी हो गया था।
2022 के विधानसभा चुनाव में सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सीटें समाजवादी पार्टी (सपा) के पास थीं, जबकि बीजेपी ने फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर सीटें जीती थीं। मीरापुर सीट आरएलडी के कब्जे में थी।