इब्राहिम रईसी के करीबी रहे मोखबर चलाएंगे ईरान की सरकार, 50 दिन में होंगे राष्ट्रपति चुनाव

ईरान अब मोहम्मद मोखबर सरकार चलाएंगे. हेलीकॉप्टर क्रैश में इब्राहिम रईसी की मौत होने के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने उन्हें सरकार का प्रमुख नियुक्त किया है. वह अगले 50 दिन तक यह दायित्व निभाएंगे. चुनाव के बाद ईरान को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा. तब तक मोखबर ही संसद के स्पीकर और न्यायपालिका के साथ देश के प्रमुख निर्णय लेंगे.

अजरबैजान से लौटते वक्त रविवार शाम इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था. इस हादसे में उनकी मौत हो गई. हादसे के तुरंत बाद ही अनहोनी की आशंका के चलते एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में ही खामेनेई ने ये तय कर दिया था कि अगर कोई अनहोनी होती है तो रईसी की जगह सरकार चलाने का काम मोखबर करेंगे.

रईसी के करीबी रहे हैं मोखबर

ईरान में सरकार चलाने के लिए खामेनेई द्वारा नियुक्त किए गए उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर को इब्राहिम रईसी का करीबी माना जाता था. रईसी ने 2021 में पद संभालने के बाद ही मोखबर को उपराष्ट्रपति नामित किया था. उससे पहले वह खोमेनई के आदेश पर बने एक फाउंडेशन को लीड कर रहे थे, यह जिम्मेदारी उन्हें खामेनेई ने ही 2007 में दी थी.

संविधान के तहत मिली जिम्मेदारी

मोखबर को यह जिम्मेदारी इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के संविधान के तहत मिली है जो 1979 में अपनाया गया था. इसके अनुच्छेद 130 और 131 में जिक्र है कि यदि राष्ट्रपति बर्खास्तगी, त्यागपत्र, अनुपस्थिति, बीमारी या मौत की वजह से अपने कर्तव्यों को पूरा करने में असमर्थ हैं तो चुनाव होने तक उपराष्ट्रपति उनकी जिम्मेदारी निभाएंगे. हालांकि संविधान में ये भी जिक्र है कि उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति की जिम्मेदारी तभी मिल सकती है जब इस्लामी क्रांति के नेता इसे मंजूरी दें.

संविधान में लिखी है 50 दिन में चुनाव की बात

ईरान के संविधान में यह भी लिखा है कि उपराष्ट्रपति को अगर किसी कारणवश राष्ट्रपति की जिम्मेदारियां दी जाती हैं तो अगले 50 दिन के भीतर नए राष्ट्रपति का चुनाव कराना होगा. खामेनेई जो ईरान में इस्लामी क्रांति के नेता हैं उन्होंने ने भी ये साफ कर दिया है कि अगले 50 दिन में ईरान में चुनाव होंगे.

ईरान के सातवें उपराष्ट्रपति बने थे मोखबर

मोहम्मद मोखबर ईरान के सातवें उपराष्ट्रपति बने थे. उनका जन्म 1955 में ईरान के डेजफुल में हुआ था. उनके पास दो डॉक्टरेट डिग्रियां हैं, इनमें से एक प्रबंधन में है. वह रईसी के बाद दूसरे नंबर के राजनेता हैं. रईसी के बाद अगर ईरान के प्रशासन पर किसी की सबसे ज्यादा पकड़ मानी जाती है तो वह मोखबर भी हैं. वह सिना बैंक बोर्ड के अध्यक्ष और खुजेस्तान प्रांत के डिप्टी गवर्नर भी रह चुके हैं.

मोखबर पर बैन लगा चुका है अमेरिका

ईरान की सरकार चलाने के लिए नियुक्त मोहम्मद मोखबर को एक कट्टरपंथी के रूप में जाना जाता है. मोखबर पर 2010 में अमेरिका में बैन भी लगाया था. दरअसल मोखबर को ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई के साथ उन व्यक्तियों की लिस्ट में शामिल किया गया था जो परमाणु या बैलिस्टिक मिसाइल गतिविधियों में शामिल था. हालांकि दो साल बाद मोखबर को इस सूची से हटा दिया गया था.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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