महराजगंज। समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को जेपी सेंटर जाने से रोकने के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। शुक्रवार को सपा कार्यालय के बाहर सैकड़ों कार्यकर्ता इकट्ठा हुए और सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने समय रहते कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने से रोक दिया, जिससे कुछ देर के लिए तनावपूर्ण स्थिति बन गई। हालाँकि, बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक वापस भेज दिया।
समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं का यह विरोध प्रदर्शन तब हुआ जब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लखनऊ के जेपी सेंटर में जाकर भारत रत्न जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने से रोक दिया गया। इसके विरोध में महराजगंज में सपा कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय पर एकत्र हुए थे, जहाँ उन्होंने जयप्रकाश नारायण की जयंती मनाने के बाद सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया।
सपा जिलाध्यक्ष विद्यासागर यादव ने बताया कि अखिलेश यादव को जेपी सेंटर में जाने से रोकना सरकार का अलोकतांत्रिक कदम है। उन्होंने कहा, “सपा अध्यक्ष को रोककर सरकार ने हमारी आवाज को दबाने का प्रयास किया है, लेकिन हम चुप नहीं बैठेंगे। हम इस अन्याय का पुरजोर विरोध करेंगे।”
प्रदर्शनकारियों ने जैसे ही सड़क पर आगे बढ़ने की कोशिश की, पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस पर नाराज सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस के खिलाफ भी नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति थोड़ी तनावपूर्ण हो गई थी, लेकिन पुलिस के संयमपूर्ण रवैये से कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। कुछ देर बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वापस भेज दिया और गहमागहमी समाप्त हुई।
प्रदर्शन के दौरान सपा नेताओं ने सरकार पर लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष को रोका जाना जनता की आवाज दबाने का प्रयास है। सपा जिला सचिव शमशुल हुदा खान ने कहा, “हमारे नेता को रोका गया है, लेकिन हमारे हौसले को नहीं। हम सरकार की तानाशाही का विरोध जारी रखेंगे।”
प्रदर्शन में सपा के कई प्रमुख नेता शामिल थे, जिनमें बाबा साहब डॉ. आंबेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव श्रवण पटेल, जिला उपाध्यक्ष बाबर अहमद, प्रणय गौतम, सदर विधान सभा अध्यक्ष नौशाद आलम, नौतनवा के अध्यक्ष विक्रम यादव, कैलाश प्रजापति, विजय यादव, अमरनाथ यादव, रामशीष यादव, डॉ. शेषनाथ, यगदत्त पासवान, संजय यादव, और अमित यादव प्रमुख रूप से शामिल थे।