महराजगंज। जिले के सभी 37 मुसहर गांवों में पेंशन योजना में एक भी पात्र के छूटने पर डीएम से निलंबन की चेतावनी मिलने के बाद समाज कल्याण विभाग ने कर्मचारियों की फौज उतार लाभार्थियों के चयन के लिए डोर-टू-डोर शुरू करा दिया है। सर्वे में मिल रहे पात्रों के अधूरे दस्तावेज को भी कर्मी खुद ही भागदौड़ पूरा करा रहे हैं। पेंशन के लिए फार्म भर कर मौके पर ही स्वीकृति प्रदान कर दे रहे हैं।
डीएम अनुनय झा ने दो माह पहले जिले के सभी मुसहर बहुल गांवों के सभी पात्रों को शत-प्रतिशत वृद्धावस्था, निराश्रित महिला व दिव्यांगजन पेंशन दिलाने का लक्ष्य समाज कल्याण व दिव्यांगजन विभाग को दिया था। समय सीमा पूरी होने के बाद दोनों विभागों ने जिले के सभी 37 मुसहर बहुल गांव में कुल 158 पात्रों को चिह्नित कर उनकी पेंशन स्वीकृत करने का प्रमाण पत्र डीएम को सौंपते हुए बताया था कि दो अक्तूबर तक सर्वे किया गया था। अब इन गांव में एक भी लाभार्थी पेंशन स्कीम से वंचित नहीं हैं। इसमें वृद्धावस्था के 122, निराश्रित के 32 और दिव्यांगजन पेंशन योजना के तहत 4 लाभार्थियों को चिन्हित करने का दावा किया था। डीएम ने रिपोर्ट देख दो टूक में कहा था मुसहर गांवों में पेंशन की रियलिटी जांच कराई जाएगी। एक भी पात्र अगर पेंशन से वंचित मिला तो दोनों विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई होगी। डीएम का एक्शन मोड देख समाज कल्याण अधिकारी फौरन बैकफुट पर आ गए। बताया कि ग्राम प्रधान व सचिव से प्रमाण पत्र लिया गया था। उस पर भरोसा नहीं है। सभी 37 गांव में टीम भेज जांच कराकर रिपोर्ट अपडेट करके दी जाएगी।
दोबारा सर्वे में पात्रों की बढ़ रही संख्या
डीएम के अल्टीमेटम के बाद समाज कल्याण व दिव्यांगजन विभाग ने अपने विभागीय कर्मियों के अलावा पंचायती राज के सभी कर्मी, सेक्रेटरी, रोजगार सेवक, पंचायत सहायकों को पेंशन योजना में छूटे पात्रों को चिह्नित करने के लिए लगा दिया है। इसमें पात्रों की संख्या बढ़ रही है।
जिले के सभी मुसहर गांवों में वृद्धावस्था, निराश्रित व दिव्यांगजन पात्र लोगों को पेंशन योजना का लाभ देना है। इसके लिए डोर-टू-डोर सर्वे कराया जा रहा है। दोबारा सर्वे में पात्रों की संख्या बढ़ रही है। पहले के सर्वे में कुछ लोग बाहर रहने की वजह से छूट गए थे। अब वह वापस आ गए हैं।
विपिन कुमार यादव-जिला समाज कल्याण अधिकारी