जिला अस्पताल के पर्ची काउंटर और ओपीडी के मध्य दवा काउंटर चलता है। काउंटर पर महिला-पुरूष के लिए अलग-अलग काउंटर है। काउंटर पर उपलब्ध दवाओं का ब्योरा काउंटर के अंदर दीवाल पर लगाया गया है। लेकिन उसे मरीज नहीं देख पाते हैं। फार्मासिस्ट या वहां पर तैनात कर्मचारी यदि बोल दिये कि यह दवा नहीं है तो मरीज उसकी तस्दीक नहीं कर पाते हैं। मरीज को बाहर मेडिकल स्टोर पर जाकर दवा लेना पड़ता है। मरीजों की इस समस्या से निजात दिलाने के लिए अस्पताल प्रशासन काउंटर के पास उपलब्ध दवाओं का ब्योरा बोर्ड पर लिखावाएगा। ओपीडी परिसर में लगी टीवी स्क्रीन पर दवाओं का ब्योरा फ्लैश होता रहेगा। इससे मरीज आसानी से दवाओं का टैली कर सकेंगे।
शिकायत सही मिलने पर संबंधित के खिलाफ होगी कार्रवाई
काउंटर से दवा नहीं मिलने पर मरीज बोर्ड या टीवी के स्क्रीन पर फ्लैश हो रहे दवाओं से मिलान करेगा। यदि स्क्रीन/बोर्ड पर वह दवा दिखाई देने पर मरीज अस्पताल प्रशासन से शिकायत कर सकते हैं। शिकायत सही मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई तय है।
24 घंटे स्क्रीन पर फ्लैश होता रहेगा दवाओं का ब्योरा
जिला अस्पताल में ओपीडी सुबह आठ से अपराह्न दो बजे तक चलती है। इसके बाद ओपीडी का मुख्य गेट बंद हो जाता है। इससे दो बजे के बाद दवा काउंटर पर लगे बोर्ड पर मरीज दवा का मिलान नहीं कर पाएंगे। लेकिन टीवी स्क्रीन पर 24 घंटे दवाओं का ब्योरा जान सकेंगे। इसके लिए टीवी पर हमेशा दवाओं का ब्योरा फ्लैश होता रहेगा।
मरीजों की सहूलियत के लिए काउंटर के पास बोर्ड पर और टीवी स्क्रीन पर दवाओं का ब्योरा हमेशा फ्लैश होता रहेगा। काउंटर से दवा नहीं मिलने पर संबंधित दवा का मिलान मरीज बोर्ड या टीवी स्क्रीन पर फ्लैश हो रहे दवाओं से कर सकेंगे।
डॉ. एपी भार्गव, सीएमएस जिला अस्पताल