महराजगंज। पुलिस की कार्यशैली को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए पुलिस अधीक्षक (एसपी) सोमेन्द्र मीना ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। अब थानों में फरियाद लेकर पहुंचने वाले पीड़ितों को शिकायत दर्ज कराने पर पर्ची प्रदान की जाएगी। इस पर्ची पर जांच अधिकारी का नाम और मोबाइल नंबर दर्ज होगा। इससे फरियादी घर बैठे ही जांच की प्रगति का पता लगा सकेंगे और थानों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कैसे काम करेगा पर्ची सिस्टम?
इस नई प्रणाली के तहत, थानों और पुलिस कार्यालयों में आने वाले पीड़ितों की शिकायतें रजिस्टर में दर्ज की जाती हैं। शिकायत दर्ज होने के बाद तीन रंगों की पर्चियां जारी की जाएगी:
पीली पर्ची: पीड़ित को दी जाएगी, जिसमें उसकी शिकायत और जांच अधिकारी का विवरण होता है।
लाल पर्ची: संबंधित जांच अधिकारी (एसआई या पुलिसकर्मी) को दी जाएगी।
सफेद पर्ची: यह कार्यालय की फाइल में रखी जाती है, जिससे शिकायत पर कार्रवाई का रिकॉर्ड रखी जाएगी।
जांच प्रक्रिया को समयबद्ध और उत्तरदायी बनाने की पहल
लाल पर्ची मिलने के बाद संबंधित जांच अधिकारी को समयसीमा के भीतर जांच पूरी करनी होगी। इसके अलावा, पुलिस कार्यालय का मॉनिटरिंग सेल शिकायतकर्ता से फीडबैक लेकर कार्रवाई की प्रगति पर नजर रखेगा। यदि कोई अधिकारी जांच में देरी करता है, तो उनके खिलाफ विभागीय पूछताछ होगी।
इस नई व्यवस्था का असर पहले दिन ही दिखा-
श्यामदेउरवा थाना:
बुधवार को थानाध्यक्ष अभिषेक सिंह के समक्ष आठ मामले प्रस्तुत किए गए।
दो मामलों में, जो दुर्घटना और मारपीट से संबंधित थे, तत्काल एफआईआर दर्ज की गई।
शेष छह मामलों में से तीन पारिवारिक और तीन जमीनी विवाद से जुड़े थे। इन मामलों में फरियादियों को पीली पर्ची और जांच अधिकारियों को लाल पर्ची देकर कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
पनियरा थाना:
प्रभारी निरीक्षक निर्भय कुमार सिंह ने बताया कि थाने में सात लोग शिकायत लेकर आए। उनकी समस्याओं को रजिस्टर में दर्ज कर उन्हें पर्चियां प्रदान की गईं।
समस्या समाधान की प्रक्रिया
पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि पर्ची सिस्टम की मदद से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण हो।
यदि थाने स्तर पर समाधान संभव नहीं होता, तो मामला जिला स्तर पर भेजा जाएगा।
जिले स्तर के अधिकारी सुनवाई कर शिकायत का समाधान सुनिश्चित करेंगे।
पुलिस अधीक्षक सोमेन्द्र मीना ने बताया कि “सभी पुलिस थानों पर जनसुनवाई में पर्ची सिस्टम लागू कर दिया गया है। इससे शिकायतकर्ता को भटकना नहीं पड़ेगा और अधिकारी अपनी जिम्मेदारी के प्रति अधिक जवाबदेह होंगे। पारदर्शी प्रणाली से लोगों का पुलिस पर विश्वास बढ़ेगा।”