महराजगंज न्यूज़: नौतनवा में ओवरलोड वाहन भर रहे फर्राटा, जिम्मेदार बने मूकदर्शक

महराजगंज न्यूज़: नौतनवा में ओवरलोड वाहन भर रहे फर्राटा, जिम्मेदार बने मूकदर्शक

नौतनवा,महराजगंज (लाल बहादुर जायसवाल): नौतनवा क्षेत्र में नियम-कानून को ताक पर रखकर ओवरलोड वाहनों का बेखौफ संचालन जारी है। भारतीय और नेपाली ट्रकों के माध्यम से गिट्टी, बालू, लोहा, चावल, गेहूं सहित विभिन्न प्रकार का सामान मानक सीमा से कई गुना अधिक लादा जा रहा है। पुलिस और विभागीय अधिकारियों के संरक्षण से ओवरलोड का खेल खुलेआम बेख़ौफ़ चल रहा है।

 

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हर दिन करोड़ों के राजस्व की हो रही हानि

सूत्रों के अनुसार, सोनौली सीमा से प्रतिदिन लगभग 200 से ऊपर ओवरलोड ट्रक नेपाल जा रहे हैं। इनमें लदे माल की मात्रा निर्धारित मानकों से दो से तीन गुना तक अधिक होती है। यह सिर्फ परिवहन नियमों का उल्लंघन नहीं है, बल्कि इससे सरकार के राजस्व को भी भारी चपत लग रही है। सोनौली सीमा पर तैनात जिम्मेदार कार्रवाई करने के बजाय इन ट्रकों को बिना किसी जांच के नेपाल जाने की हरी झंडी दे देते हैं।

पुलिस की खामोशी पर उठ रहे सवाल

सरकार ने ओवरलोड वाहनों पर सख्त रोक लगाने का आदेश दिया है, लेकिन नौतनवा पुलिस की चुप्पी ने इस आदेश को पूरी तरह भोथरा साबित कर दिया है। ऐसे में पुलिस की निष्क्रियता और विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। नौतनवा रेलवे माल गोदाम और अन्य स्थानों से भी बड़ी संख्या में ओवरलोड ट्रक रवाना होते हैं।

ओवरलोड वाहनों से बढ़ता हादसों का खतरा

नगर के लोगो का कहना है कि नगर के अन्दर से गुजरने वाले ओवरलोड वाहनों के कारण सड़क दुर्घटनाओं तथा जाम की आशंका अधिक रहती है। भारी मात्रा में सामान लदे ट्रकों का संतुलन बिगड़ने की संभावना रहती है, जिससे जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता है। लेकिन इन जोखिमों के बावजूद पुलिस और जिम्मेदार विभागीय अधिकारी आंख मूंदे हुए हैं। 

प्राइवेट बस भी उड़ा रहे नियमों की धज्जियां

ओवरलोड ट्रकों के अलावा, कई प्राइवेट बसें सोनौली से गोरखपुर तक रोजाना ओवरलोड सवारियों को ढोती हैं। इन बसों में मानक से कहीं अधिक यात्री भरे जाते हैं, जो यात्री सुरक्षा के साथ गंभीर खिलवाड़ है। इसके बावजूद इन बसों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

जिम्मेदार कौन?

अब सवाल ये उठता है कि इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार कौन है? विभागीय अधिकारियों और पुलिस से मिल रहे संरक्षण से ये तस्वीर बिलकुल साफ़ हो जाती है कि जिम्मेदार कौन है। समय-समय पर की जाने वाली औपचारिक कार्रवाई केवल दिखावे तक सीमित रहती है।

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