नौतनवा, महराजगंज (लाल बहादुर जायसवाल): नौतनवा तहसील सभागार में बाल श्रम, बाल तस्करी और बाल सुरक्षा से जुड़े कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रशासनिक और सामाजिक संगठनों के कई अधिकारी व प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपजिलाधिकारी नौतनवा नवीन प्रसाद, तथा क्षेत्राधिकारी नौतनवा जयप्रकाश त्रिपाठी ने बाल श्रम और तस्करी के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त की और इसके उन्मूलन के लिए जागरूकता फैलाने और कठोर कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि बच्चों का शोषण रोकने के लिए कानून के सख्त पालन के साथ-साथ समाज की भागीदारी भी महत्वपूर्ण है।
इस कार्यक्रम में प्लान इंडिया के कार्यक्रम समन्वयक रामकरण यादव, आराधना पाण्डेय, और पुष्पा चौधरी (बाल सुरक्षा अधिकारी) ने बच्चों की सुरक्षा के लिए अपने अनुभव और सुझाव साझा किए। उन्होंने बताया कि बाल श्रम और बाल तस्करी को रोकने के लिए न केवल प्रशासन बल्कि स्थानीय समुदाय की जागरूकता और सहयोग भी आवश्यक है।
बाल विकास परियोजना नौतनवा के प्रतिनिधि महबूब आलम और एम.एस.एस. काउंसलर अंजू मिश्रा और शारदा ने बच्चों के विकास और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए विभाग द्वारा चलाए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना बाल श्रम और तस्करी रोकने का एक प्रभावी तरीका है।
कार्यक्रम में श्रम विभाग के अनुसेवक समीउल्लाह, बेसिक शिक्षा विभाग के बीईओ हेमंत कुमार मिश्रा, फार्मासिस्ट धर्मेंद्र कुमार शाही (रतनपुर ब्लॉक), सी.पी.डब्लू. सुनिल कुमार, और एसएसबी के परितोष सिंह व विवेक कुमार सिंह ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सभी ने बाल श्रम और तस्करी के खिलाफ अभियान में अपनी भूमिका और योगदान पर प्रकाश डाला।
एसएसबी से परितोष सिंह और विवेक कुमार सिंह तथा अभय कुमार उपाध्याय उप निरीक्षक थाना सोनौली, अनुराधा शुक्ला महिला आरक्षी, रामचंद्र चौधरी उप निरीक्षक थाना नौतनवा ने सीमावर्ती क्षेत्रों में बाल तस्करी को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि सीमा पर सख्ती और सामुदायिक सहभागिता से तस्करी को रोका जा सकता है।
कार्यक्रम में मनोज कुमार श्रीवास्तव, विद प्रविक्षा अधिकारी, महराजगंज ने बाल श्रम और बाल तस्करी से जुड़े कानूनी प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि बाल अधिकारों की रक्षा के लिए देश में कई कड़े कानून हैं, लेकिन इनका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना जरूरी है।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चों का शोषण रोकने के लिए केवल सरकारी प्रयास ही काफी नहीं हैं, बल्कि समाज को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। बाल श्रम और तस्करी के खिलाफ सामूहिक प्रयास ही इन समस्याओं को खत्म कर सकते हैं।