महराजगंज न्यूज़: ललाइन पैसिया के भू-स्वामियों को मुआवजा न मिलने पर आक्रोश, परियोजना निदेशक से कार्रवाई की मांग

महराजगंज न्यूज़: ललाइन पैसिया के भू-स्वामियों को मुआवजा न मिलने पर आक्रोश, परियोजना निदेशक से कार्रवाई की मांग

महराजगंज (आनंद श्रीवास्तव): महराजगंज जनपद के नौतनवा तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत ललाइन पैसिया के भू-स्वामियों ने गोरखपुर-सोनौली राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएचएआई) पर सड़क चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित भूमि का मुआवजा न मिलने पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की है। इस संबंध में दर्जनों भू-स्वामियों ने जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से परियोजना निदेशक, गोरखपुर को शिकायती पत्र भेजकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया और उचित कार्रवाई की मांग की है।

मुआवजा न मिलने का आरोप

गांव के निवासियों चंदा देवी, बलराज यादव, जहीरूद्दीन, अनुपा देवी, शाहबुद्दीन, सुधाकर यादव, शायरा खातून, दिलीप कुमार यादव, सुधीर यादव, राधिका देवी, और विजया देवी सहित कई अन्य ने परियोजना निदेशक को भेजे शिकायती पत्र में लिखा है कि उनकी आराजी नंबर की कृषि भूमि का कुछ हिस्सा एनएचएआई द्वारा अधिग्रहित किया गया है। इस भूमि पर सड़क चौड़ीकरण का निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन अधिग्रहण के बावजूद अब तक मुआवजे की रकम का भुगतान नहीं किया गया है।

एनएचएआई के कर्मचारियों पर गंभीर आरोप

भू-स्वामियों ने आरोप लगाया कि जब भी वे अधिग्रहित भूमि के मुआवजे की मांग करते हैं, तो संबंधित विभाग के कर्मचारी उनसे दुर्व्यवहार करते हैं और कई बार मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। इसके कारण पीड़ित भू-स्वामियों में भारी आक्रोश है।

जिलाधिकारी ने दिया था भुगतान का आदेश

भू-स्वामियों ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर उन्होंने जिलाधिकारी महराजगंज से भी संपर्क किया था। जिलाधिकारी ने मुआवजे के भुगतान का आदेश जारी कर दिए जाने की बात कही थी। हालांकि, उनके निर्देश के बाद भी मुआवजा नहीं मिलने से एनएचएआई के प्रति ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है।

न्याय की उम्मीद में उपरोक्त भू-स्वामियों ने जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से परियोजना निदेशक, गोरखपुर को शिकायत पत्र भेजा। उन्होंने मुआवजे की तत्काल भुगतान की मांग की और मामले में उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया।

गोरखपुर-सोनौली राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क चौड़ीकरण में भूमि अधिग्रहण से प्रभावित इन ग्रामीणों की शिकायत ने प्रशासनिक स्तर पर कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला अब उच्च अधिकारियों के संज्ञान में पहुंच चुका है। देखना होगा कि कब तक ग्रामीणों को उनके हक का मुआवजा मिल पाता है की नहीं।

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