नफीस अंसारी की रिपोर्ट-
नौतनवा/महाराजगंज: भारत-नेपाल सीमा के गांवों से भारी मात्रा में कपड़े की तस्करी हो रही है। सोनौली कोतवाली क्षेत्र के श्यामकाट, भगवानपुर, फरेंदी तिवारी, हरदीडाली व खनुआ और नौतनवा थाना क्षेत्र के सुंडी व आराजी सरकार उर्फ वैरियहवा से रेडीमेड सूट, साड़ी और अन्य कपड़े नेपाल के भैरहवा और बुटवल कस्बों में भेजे जा रहे हैं। बाइक सवार तस्कर एक चक्कर में एक लाख रुपये से अधिक का कपड़ा लेकर सीमा पार करते हैं। तस्करी के कारण भारत और नेपाल के राजस्व को प्रतिदिन 15-20 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है।
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सूत्र बताते है कि तस्कर बाइक पर प्रति चक्कर एक लाख रुपये से अधिक का कपड़ा लेकर तेज गति से सीमा पार करते हैं। यह प्रक्रिया सुबह से देर रात तक जारी रहती है। एक बाइक सवार प्रतिदिन औसतन पांच चक्कर लगाता है, जिससे केवल एक बाइक से प्रतिदिन पांच लाख रुपये का कपड़ा नेपाल पहुंचाया जाता है। प्रत्येक तस्करी नाके पर तीन से पांच बाइक सवार लगे रहते हैं, जिससे प्रतिदिन करीब एक से डेढ़ करोड़ रुपये मूल्य का कपड़ा नेपाल भेजा जाता है।
कपड़ों की इस तस्करी के कारण भारतीय और नेपाली राजस्व को प्रतिदिन 15 से 20 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। कपड़ा निर्यात पर 5% भारतीय जीएसटी और 10% नेपाली वैट टैक्स लागू होता है। तस्कर इस 15% टैक्स से बचने के लिए तस्करी का सहारा लेते हैं। इस पूरे खेल में पुलिस, एसएसबी और कस्टम विभाग की विफलता साफ दिखाई दे रही है। जिससे तस्करी का यह धंधा व्यापक पैमाने पर फैल गया है।