Mahakumbh: भगदड़ के बाद अखाड़ा परिषद का बड़ा फैसला,महाकुंभ में शाही स्नान टला, बसंत पंचमी को करेंगे पवित्र स्नान

Mahakumbh: भगदड़ के बाद अखाड़ा परिषद का बड़ा फैसला,महाकुंभ में शाही स्नान टला, बसंत पंचमी को करेंगे पवित्र स्नान

प्रयागराज: महाकुंभ में मौनी अमावस्या से पहले संगम तट पर हुई भगदड़ के चलते अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने आज होने वाला पवित्र शाही स्नान रद्द करने का फैसला किया है। सभी 13 अखाड़ों की सहमति से यह निर्णय लिया गया, और अब सभी अखाड़े बसंत पंचमी के दिन महाकुंभ में स्नान करेंगे।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने बताया कि आज सुबह 4 बजे साधु-संतों और नागा साधुओं का स्नान शुरू होने वाला था, लेकिन उससे पहले भगदड़ की खबर आ गई। परंपरा के अनुसार, सबसे पहले महानिर्वाण अखाड़े के नागा साधु स्नान करते हैं, जो पहले ही महाकुंभ परिसर में पहुंच चुके थे। हालांकि, सुरक्षा कारणों से उन्हें भी संगम तट जाने से रोक दिया गया।

श्रद्धालुओं से की गई खास अपील

अखाड़ा परिषद ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और भीड़भाड़ से बचें। परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा, “जो घटना हुई, उससे हम दुखी हैं। श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे मौनी अमावस्या के बजाय बसंत पंचमी के दिन स्नान के लिए आएं। गंगा के किसी भी घाट पर स्नान किया जा सकता है, इसलिए संगम नोज की ओर जाने की कोशिश न करें।”

उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रशासन की गलती नहीं है, क्योंकि इतने बड़े आयोजन में लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं को संभालना आसान नहीं होता। उन्होंने श्रद्धालुओं से अधिकारियों के साथ सहयोग करने की अपील की और बताया कि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं, लेकिन अचानक भीड़ बढ़ने से हालात चुनौतीपूर्ण हो गए।

144 साल बाद लग रहा ऐतिहासिक महाकुंभ

महाकुंभ का यह आयोजन ऐतिहासिक है, क्योंकि 144 साल बाद ऐसा अवसर आया है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम पर देशभर से करोड़ों श्रद्धालु पुण्य अर्जन के लिए पहुंचे हैं। आयोजकों के अनुसार, अब तक 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। मौनी अमावस्या पर ही 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद थी, लेकिन भगदड़ के कारण प्रशासन ने अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

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