बालियान Vs संगीत सोम: लड़ाई अब जाट बनाम ठाकुर पर आई, पश्चिमी यूपी में कैसे होगी भरपाई?

 

बीजेपी को पिछले दो चुनाव में जिस उत्तर प्रदेश ने सत्ता की बुलंदी तक पहुंचाया था, 2024 के चुनाव में उसी प्रदेश ने उसे सत्ता के दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया. बीजेपी को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में लगा है, 2019 की तुलना में इस बार 28 सीटें कम हो गई हैं. सूबे में हार का साइड इफेक्ट सामने आने लगे हैं. मुजफ्फरनगर में लोकसभा सीट पर में मिली हार के बाद बीजेपी में अंदरूनी कल और तेज हो गई है. संजीव बालियान बनाम संगीत सोम के बीच सियासी लड़ाई अब जाट बनाम ठाकुर होती नजर आ रही है.

मुजफ्फरनगर के बीजेपी प्रत्याशी रहे संजीव बालियान ने पार्टी नेता संगीत सोम पर एक्शन की मांग उठाई है. बालियान ने कहा कि कुछ जयचंद और विभीषण जनता के बीच में जाकर गुमराह करने में कामयाब रहे. कुछ लोग शिखंडी की तरह नजर आए. इसमें मेरी कमी है, जनता को मैं पूरी तरह समझा नहीं पाया, पर जो जयचंद हैं पार्टी उन्हें देखेगी. संगीत सोम का नाम लिए बगैर संजीव बालियान ने कहा कि कुछ लोग सपा को यहां खुलेआम चुनाव लड़ा रहे हैं. यहां पर वो बड़ी पोजिशन और सरकारी सुविधा में रहे हैं. भितरघात करने वालों पर कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह निर्णय पार्टी हाईकमान को लेना है.

संगीत सोम बोले- मैं पार्टी के लिए काम करता हूं

संजीव बालियान के बाद अब संगीत सोम भी मंगलवार को मेरठ में दोपहर में पीसी की. बीजेपी नेता संगीत सोम ने संजीव बालियान को लेकर कहा कि अगर वो टिप्पणी कर रहे हैं तो वो जानें. मैं बीजेपी कार्यकर्ता और पार्टी के लिए काम करता हूं. अब उन्होंने क्या आरोप लगाए हैं यह तो उन्हीं से पूछा जाना चाहिए. मैं अपनी पार्टी के लिए काम करता हूं.

हालांकि, चुनाव नतीजे के बाद संगीत सोम कह चुके हैं कि मुजफ्फरनगर में बीजेपी उनके विधानसभा सरधना से जीती है. ऐसे में बीजेपी किन विधानसभा सीटों पर हारी है, उसके कारण तलाशने होंगे. ऐसे में साफ है कि संगीत सोम बीजेपी प्रत्याशी संजीव बालियान के आरोपों पर खुलकर अपनी बात रखेंगे. संगीत सोम और संजीव बालियान का राजनीतिक सफर एक साथ शुरू हुआ था और मुजफ्फरनगर दंगे में दोनों के नाम आने से उन्हें सियासी पहचान मिली.

संगीत विधायक ही रहे, बालियान सांसद बने

संगीत सोम सरधना से विधायक ही रहे तो संजीव बालियान सांसद बने और फिर केंद्र में मंत्री गए. संजीव बालियान 2014 और फिर 2019 में केंद्रीय मंत्री बने, लेकिन संगीत सोम 2022 का विधानसभा चुनाव हार गए. यहीं से संजीव बालियान और संगीत सोम के बीच विवाद पनपा. संगीत सोम को अपनी हार के पीछे जाट वोटों का कम मत में पड़ने को वजह मान रहे थे. संगीत सोम ने इसका ठीकरा संजीव बालियान के सिर पर फोड़ा था. इसके चलते दोनों ही नेताओं के बीच आपसी विवाद और गहराने लगा. लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान दोनों ही नेताओं की सियासी अदावत खुलकर सामने आ गई.

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से संजीव बालियान तीसरी बार चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे थे. संगीत सोम ने बालियान को चुनाव में सबक सिखाने को लेकर तरह-तरह के बयान देते नजर आए थे. इतना ही नहीं मुजफ्फरनगर से ही ठाकुरों की पंचायत शुरू हुई और उन्होंने खुलकर बीजेपी के खिलाफ वोट करने की अपील करते नजर आए थे. ठाकुर पंचायत भले ही किसान नेता पूरण सिंह कर रहे थे, लेकिन उसके पीछ संगीत सोम का हाथ माना जा रहा था. यह पंचायत मुजफ्फरनगर के कई विधानसभा क्षेत्रों में हुई, जिसके चलते बीजेपी के खिलाफ सियासी माहौल बना.

प्रचार के दौरान काफिले पर हुआ था हमला

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान तो खतौली विधानसभा क्षेत्र के एक ठाकुर के गांव में संजीव बालियान के काफिले पर हमला भी हुआ. संगीत सोम का सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक के साथ चुनाव प्रचार का एक वीडियो भी वायरल हुआ था. अब लोकसभा नतीजा आने के बाद संजीव बालियान ने खुलकर संगीत सोम पर सवाल उठाने शुरू कर दिए. संजीव बालियान के बाद अब संगीत सोम भी जवाबी हमला करेंगे. संगीत सोम और संजीव बालियान के बीच आपसी विवाद की वजह से ही राजपूत समाज में बंटवारे की स्थिति पैदा हुई.

संगीत सोम और संजीव बालियान के बीच यह राजनीतिक लड़ाई अब यह ठाकुर बनाम जाट होती नजर आ रही है. संगीत सोम अपनी हार के लिए जाट के कम वोट होने की वजह मानते हैं तो संजीव बालियान को अपनी हार में ठाकुर वोटों का छिटकना नजर आ रहा है. मुजफ्फरनगर ही नहीं बीजेपी पश्चिमी यूपी में अपने कोर वोटबैंक सैनी और कश्यप वोटों को साधे रखते हुए ठाकुर और जाट वोटों को भी साधने का काम 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे के बाद किया था. जाट और ठाकुर दोनों ही वोटर पश्चिमी यूपी के इलाके में बड़ी ताकत रखते हैं, लेकिन जिस तरह संगीत सोम और बालियान आमने-सामने आए गए हैं, उसके चलते ठाकुर बनाम जाट होता दिख रहा है.

भुगतना पड़ सकता है सियासी खामियाजा

पश्चिमी यूपी में जाट बनाम ठाकुर होता है तो फिर भविष्य में इसका राजनीतिक खामियाजा कई सीटों पर भुगतना पड़ सकता है, क्योंकि जाट समाज में इस बात की नाराजगी है कि संजीव बालियान को हराने के लिए ठाकुर समाज और संगीत सोम ने एड़ी-चोटी के जोर लगाया है. मुजफ्फरनगर सीट पर संजीव बालियान 24000 वोट से हार गए. ठाकुर बाहुल्य क्षेत्र में भी संजीव बालियान को उतना वोट नहीं मिला, जितना हमेशा बीजेपी प्रत्याशी को मिलता था. ऐसे ही संगीत सोम के समर्थकों का भी मानना है कि 2022 के चुनाव में जाट बहुल गांव में बीजेपी को वोट नहीं मिला था, जिसके चलते संगीत सोम हार गए थे. ऐसे ही सियासी अदावत जारी रही तो फिर बीजेपी के लिए टेंशन बन सकती है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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