देश की 543 और महाराष्ट्र की 48 लोकसभा क्षेत्रों में से एक है लातूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र. यह संसदीय क्षेत्र साल 1962 में अस्तित्व में आया. लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में यहां पर सात मई को मतदान हुआ. लातूर लोकसभा सीट पर 55.38 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.
लातूर संसदीय क्षेत्र के चुनावी मैदान में 8 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई. लेकिन मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच रहा. बीजेपी ने यहां से सुधाकर तुकाराम श्रंगारे को मैदान में उतारा तो कांग्रेस की तरफ से डॉ. शिवाजीराव कालगे चुनावी मुकाबले में थे.
2019 में चला था मोदी मैजिक
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में लातूर में भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई थी. बीजेपी के सुधाकर तुकाराम श्रंगारे ने कांग्रेस पार्टी के मच्छिन्द्र कामन्त
को 2,89,111 वोटों के अंतर से हराया था. तुकाराम श्रंगारे को जहां 661,495 वोट मिले थे नहीं कामन्त को 3,72,384 वोट मिले. वंचित बहुजन आघाड़ी के राम गारकर 1,12,255 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे. इससे पहले 2014 में यहां बीजेपी के डॉ. सुनील बलिराम गायकवाड़ ने विजय हासिल की थी.
शिवराज पाटिल बने सात बार सांसद
लातूर लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, यहां 1962 से 1999 तक (1977 को छोड़कर) कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की. लोकसभा स्पीकर रहे शिवराज पाटिल लातूर लोकसभा से लगातार 7 बार कांग्रेस के टिकट से सांसद बने. 2024 से पहले यहां हुए 15 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 11 बार जीत दर्ज की. एकबार भारत की किसान एवं श्रमिक पार्टी ने और तीन बार भारतीय जनता पार्टी यहां से जीत दर्ज करने में कामयाब रही है.