नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि समय आने पर जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा।
हालांकि, संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रीजीजू ने केंद्र शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा बहाल किए जाने की कोई समयसीमा नहीं बताई।
किरेन रिजिजू ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने पहले भी स्पष्ट संकेत दिए हैं कि समय आने पर (जम्मू-कश्मीर का) राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा और शक्तियों तथा कार्यों का स्पष्ट रूप से निर्धारण किया जाएगा।’’
अरुणाचल पश्चिम से लोकसभा सदस्य ने कहा कि वह राज्य का दर्जा बहाल करने की समयसीमा या उपराज्यपाल और निर्वाचित मुख्यमंत्री के बीच शक्तियों के बंटवारे पर टिप्पणी नहीं करना चाहते, क्योंकि कश्मीर का उनका यह दौरा केंद्रीय बजट तक ही सीमित है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मैं राजनीति और शासन के पक्ष में नहीं जाना चाहूंगा… मैं केवल इतना कह सकता हूं कि जम्मू-कश्मीर इस समय केंद्र शासित प्रदेश है। उपराज्यपाल केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनिक प्रमुख हैं, लेकिन हमने एक सरकार भी चुनी है। हमारे पास बेहद सफल सरकार है जो हाल ही में चुनी गई है।’’
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर रीजीजू ने दावा किया कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और उनके बिहार के समकक्ष नीतीश कुमार सरकार के फैसले से सहमत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ विधेयक मुसलमानों के लाभ के लिए संपत्तियों के पारदर्शी प्रबंधन की खातिर है। कोई भी संपत्ति को छीन नहीं सकता।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या नायडू और कुमार विधेयक का समर्थन करते हैं, मंत्री ने ‘हां’ में जवाब दिया और कहा कि कई मुस्लिम सांसदों ने भी निजी तौर पर इसका समर्थन किया है। रिजीजू ने कहा, ‘‘कई मुस्लिम सांसदों ने (विधेयक के प्रति) समर्थन व्यक्त किया है, जबकि महिलाओं सहित हजारों मुसलमानों ने इसका स्वागत किया है।’’
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जम्मू-कश्मीर के वास्ते बजट आवंटन में कटौती पर रीजीजू ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में केंद्र शासित प्रदेश की खर्च क्षमता के अनुसार प्रावधान किए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘बजट का आवंटन केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे के अनुसार है। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया है कि आवंटन व्यय क्षमता के अनुसार है। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी धन की आवश्यकता होगी, वह उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें केंद्र प्रायोजित योजनाएं शामिल नहीं हैं। संसाधनों की कोई कमी नहीं है।’’
मंत्री ने यह भी कहा कि बजट में जम्मू-कश्मीर के बागवानी किसानों और हस्तशिल्प कारीगरों के लिए राहत दी गई है। उन्होंने कहा कि इस बजट के बाद जम्मू-कश्मीर में लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।