बहराइच: बीती शाम दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान बवाल हो गया. इस घटना में एक युवक की जान चली गई जबकि कई लोग चोटिल हो गए. घटना के बाद गुस्साई भीड़ ने तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी. हालात काबू करने के लिए भारी पुलिस बल बुलाना पड़ा और लाठीचार्ज करना पड़ा. फिलहाल, एसपी वृंदा शुक्ला ने लापरवाही बरतने के आरोप में हरदी थाने के एसओ और महसी के चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं, खुद सीएम योगी ने मामले का संज्ञान लिया है.
13 अक्टूबर की शाम बहराइच के महसी तहसील के हरदी क्षेत्र के महाराजगंज कस्बे में समुदाय विशेष के मोहल्ले से दुर्गा मूर्ति विसर्जन यात्रा निकल रही थी. आरोप है कि इसी दौरान डीजे बजाने को लेकर दो समुदायों में कहासुनी हुई, फिर देखते ही देखते ये कहासुनी हिंसक झड़प में बदल गई. कुछ लोगों ने छतों से पथराव शुरू कर दिया, विरोध करने पर फायरिंग कर दी, जिसमें रामगोपाल मिश्रा नामक युवक को गोली लग गई. घटना में करीब 15 से अधिक लोग घायल भी हो गए. घायलों को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने रामगोपाल को मृत घोषित कर दिया.
रामगोपाल मिश्रा की मौत की खबर फैलते ही पूरे जिले में हड़कंप मच गया. लोग सड़कों पर उतर आए. तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी. भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. वहीं, मेडिकल कॉलेज के सामने ही सड़क पर रामगोपाल का शव रखकर ग्रामीण पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे. दूसरी जगहों पर भी विसर्जन यात्रा रोक दी गई. लोग आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग पर अड़ गए. हाइवे पर जाम लगा दिया. गांव के बाद शहर के भी हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए.
माहौल खराब करने वालों पर सख्त एक्शन होगा: सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए लखनऊ में बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि माहौल खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को उपद्रवियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
ग्रामीणों ने क्या बताया?
ग्रामीणों ने बताया कि रविवार को जब महसी तहसील के महाराजगंज कस्बे से रेहुआ मंसूर गांव तक मूर्ति विसर्जन जुलूस निकल रहा था तभी उस स्थान पर दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने डीजे बजाने को लेकर आपत्ति जताई. इसी के बाद विवाद बढ़ गया और पथराव और गोलीबारी शुरू हो गई. हिंदू पक्ष से दर्जन भर से अधिक लोग घायल हुए हैं.
थाना प्रभारी व चौकी प्रभारी सस्पेंड
जिले में बीते दिन हालात ऐसे हो गए कि खुद डीएम व एसपी वृंदा शुक्ला को हेलमेट पहन सड़क पर उतरना पड़ा. देर रात पुलिस के बड़े अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. डीएम मोनिका रानी ने कहा कि एफआईआर में करीब 25 लोग शामिल, जो भी हिंसा में शामिल होंगे सब पर कड़ी कार्रवाई होगी. पूरी घटना की वीडियोग्राफी कराई गई है, जांच कर पता लगाया जाएगा कि इसमें कौन अराजक तत्व है व किसकी भूमिका रही.
वहीं, एसपी ने बताया कि अपने दायित्यों में लापरवाही को लेकर थाना प्रभारी व महसी चौकी प्रभारी को निलंबित किया गया है. पूरे घटनाक्रम की सघन जांच की जा रही है, किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा. फिलहाल, बवाल करने वालों की धरपकड़ जारी है. 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
हालांकि, एसपी की कार्रवाई के बाद भी इलाके के लोगों में आक्रोश बना हुआ है. उनका कहना है कि स्थानीय पुलिस ने लापरवाही बरती और पीड़ितों पर ही लाठियां भांजी. हिंसा के दौरान पुलिस व प्रशासन बैकफुट पर नजर आया. अगर पहले से तैयारी की होती तो इतनी बड़ी वारदात ना होती.