जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. प्रशासन ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर चार कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है. इनमें दो पुलिस विभाग से, एक शिक्षा विभाग से और एक जल शक्ति विभाग का कर्मचारी शामिल हैं. इन चारों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(ऐ) के तहत पद से बर्खास्त कर दिया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि इन कर्मचारियों की गतिविधियां कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों के प्रतिकूल संज्ञान में आई थीं. उन्होंने उन्हें राज्य के हितों के लिए राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल पाया था. जैसे कि आतंक से संबंधित गतिविधियों में शामिल होना.
उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग में सेलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल अब्दुल रहमान डार, पुत्र सोना उल्लाह डार निवासी लारमूह, त्राल पुलवामा, ना केवल अवैध हथियारों और गोला-बारूद को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के अपराध में शामिल था बल्कि पुलिस बल का सदस्य होने का अनुचित और आपराधिक लाभ उठाते हुए, आतंकवादियों को केमोफ्लाइज वर्दी (सैन्य वर्दी) का कपड़ा और अन्य सामग्री उपलब्ध कराता था.
लंबे समय से आतंकवादियों का मददगार
अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस में कांस्टेबल गुलाम रसूल भट पुत्र जावेद हैदर भट निवासी लालगाम, त्राल पुलवामा भी आतंकवादियों को डिलीवरी के लिए अवैध हथियार और गोला-बारूद की एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के अपराध में शामिल है. एक जिले के शस्त्रागार में कोटे एनसीओ के रूप में वह लंबे समय से आतंकवादियों को गोला-बारूद और हथियारों की आपूर्ति कर रहा था. वह ओजीडब्ल्यू के नेटवर्क के माध्यम से आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़ा था, जो पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के इशारे पर काम कर रहे थे.
जमात ए इस्लामी को मजबूत करने का काम
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में शिक्षक, शब्बीर अहमद वानी पुत्र मोहम्मद अशरफ वानी निवासी बुंगाम, दमहाल हांजीपोरा, कुलगाम, जमात-ए-इस्लाम (जेईआई) का एक सक्रिय सदस्य रहा है. जो एक प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन है, जिसके आतंकवादियों के साथ संबंध हैं. जमात ए इस्लामी को मजबूत करने और उनके समर्थकों के बीच लोगों का नेटवर्क बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
2016 की अशांति के दौरान डीएच पोरा में दंगा और हिंसा भड़काने वाली भीड़ की गैरकानूनी सभा को उकसाने में उनकी प्रत्यक्ष संलिप्तता के कारण उनके खिलाफ विभिन्न एफआईआर दर्ज की गई हैं. अधिकारी ने कहा कि वह प्रतिबंधित आतंकी संगठनों का एक कट्टर ओजीडब्ल्यू बना हुआ है, विशेष रूप से एचएम और उसकी संबद्धता ने कुलगाम में और उसके आसपास आतंकवादी गतिविधियों को लगातार सहायता दी है, हमलों को सुविधाजनक बनाने के लिए गुप्त रूप से जानकारी एकत्र की है.
जल शक्ति विभाग में सहायक लाइमैन भी बर्खास्त
वहीं, उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग में सहायक लाइनमैन अनायतुल्ला शाह पीरजादा पुत्र अब्दुल रशीद शाह पीरजादा निवासी वतरगाम, रफियाबाद, बारामुला, एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अल-बदर मुजाहिदीन का आतंकवादी सहयोगी-ओजीडब्ल्यू है, जिसने आतंकवादियों के एजेंडे का समर्थन करने के लिए कई तरीकों से गुप्त रूप से काम किया है.
उसका यूसुफ बलोच और तमीम जैसे खूंखार आतंकवादियों से सीधा संबंध था, जो कश्मीर में अलग-अलग समय पर सक्रिय अल-बदर मुजाहिदीन के कमांडर थे. वह पाकिस्तान स्थित अल-बदर मुजाहिदीन के आतंकवादियों के साथ संचार करने वाले सैटेलाइट फोन, हैंड ग्रेनेड आदि की बरामदगी से संबंधित विभिन्न एफआईआर में शामिल रहा है.