तुर्की के एक हॉस्पिटल में दो नर्सो ने अपनी जान की परवाह किए बिना हॉस्पिटल में नवजात बच्चों की जान बचाई

तुर्की में बीते सोमवार को भीषण भूकंप की वजह से अब तक 29000 से ज्यादा लोगों की जानें चली गई हैं. वहीं मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए हजारों बचावर्की मौके पर रात-दिन काम कर रहे हैं. इसी बीच तुर्की के एक हॉस्पिटल का वीडियो सामने आया है जहां दो नर्से अपनी जान की परवाह किए बिना हॉस्पिटल में नवजात बच्चों को बचाने की कोशिश करते हुए नजर आ रही हैं. यह वीडियो वार्ड में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुआ है.

यह वीडियो गाजियांटेप के एक हॉस्पिटल का बताया जा रहा है. इन दो नर्सों की पहचान डेवलेट निजाम और गजव्ल कैलिस्कन के रूप में हुई है. नवजात गहन चिकित्सा यूनिट में इन दोनों नर्सों ने 7.7 मैग्नीट्यूड के भूकंप के दौरान भी बिल्डिंग से बाहर जाने से पहले बच्चों को बचाने की सोची. वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि ये नर्सें कैसे इंटेंसिव केयर वार्ड में इसी दौरान भूकंप की वजह से मशीनें हिलने लगीं. इन दोनों ने बच्चों के इंक्यूबेटर्स को ध्यान से पकड़ लिया.

इन दोनों ने जब इंक्यूबेटर्स को पकड़ा तो वह हिलने और एक-दूसरे से टकराने से बच गए. इस वीडियो को तुर्की की राजनेता फात्मा सहीन ने ट्विटर पर शेयर किया है. बता दें कि सोमवार को 7.8 मैग्नीट्यूड भूकंप आया था. जिसने दो देशों में तबाही से हालात कर दिए हैं इनमें तुर्की और सीरिया शामिल हैं. इस भीषण भूकंप के बाद कई और भी आफ्टर शॉक इस जगह पर आए थे. इस सदी का यह सातवां सबसे बड़ा नेचुरल डिजास्टर बन गया है. बता दें कि इससे पहले 2003 में पड़ोसी देश ईरान में भूकंप की वजह से 31000 लोगों की मौत हो गई थी.

मलबे से अभी भी निकल रहीं जिंदगियां

तुर्किये और सीरिया में पांच दिन पहले आए भीषण भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 29,000 के पार हो गई है और लोगों के जीवित बचने की तेजी से लगातार धूमिल होती उम्मीदों के बीच बचाव कार्य जारी है. भूकंप के बाद लोगों का जीवन बचाने के लिए बचावकर्मी पिछले पांच दिन से कड़ाके की ठंड में लगातार काम कर रहे हैं.

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बचाव कार्य के दौरान शनिवार को 12 से अधिक लोगों को बचा लिया गया. बार-बार बेहोश हो रहे और होश में आ रहे इब्राहिम जकारिया नाम के व्यक्ति को इस बात का पता नहीं था कि वह कितने दिन से अपने घर के मलबे के नीचे दबा था. जकारिया को शुक्रवार रात को बचाया गया.

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