पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री, इमरान खान की पत्नी, बुशरा बीबी को एक बड़ी कानूनी सफलता मिली है। रावलपिंडी की एक विशेष जवाबदेही अदालत ने आज उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में अग्रिम जमानत प्रदान की है। इमरान खान और बुशरा बीबी समेत अन्य आरोपियों पर अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में देश के खजाने को लगभग 50 अरब रुपये की हानि पहुंचाने का आरोप है।
न्यायाधीश मोहम्मद अली वराइच ने रावलपिंडी की अडियाला जेल में एक सुनवाई की, जहां खान और बुशरा बीबी पहले से ही एक अन्य मामले में बंद थे। जमानत मिलने के बावजूद, 49 वर्षीय बुशरा अपनी अवैध शादी के मामले में दोषी पाए जाने के कारण जेल में ही रहेंगी।
क्या है अल कादिर ट्रस्ट मामला?
अल कादिर ट्रस्ट वास्तव में एक यूनिवर्सिटी से संबंधित मामला है, जिसे सोहावा, झेलम में 2021 में स्थापित किया गया था। इस प्रोजेक्ट की स्थापना इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी, और उनके करीबी सहयोगियों जुल्फिकार बुखारी और बाबर अवान ने की थी। इस यूनिवर्सिटी का मुख्य उद्देश्य सोहावा में उच्च शिक्षा प्रदान करना था। हालांकि, 2021 में स्थापित होने के बावजूद, इस यूनिवर्सिटी को सरकार से अभी तक मान्यता प्राप्त नहीं हुई है। इमरान खान और उनकी पत्नी पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान के सबसे धनी व्यक्ति मलिक रियाज को धमकाकर अरबों रुपये की जमीन हड़प ली है। यह संस्थान एक ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत है, जहां छात्रों से फीस ली जाती है।
क्या है अवैध शादी का मामला?
बुशरा बीबी के पूर्व पति, खावर मेनका ने बुशरा बीबी और इमरान खान पर अवैध विवाह करने का मुकदमा दायर किया था। खावर मेनका का आरोप था कि उन्होंने इद्दत की अनिवार्य प्रतीक्षा अवधि का पालन न करते हुए विवाह कर लिया था। खावर ने अदालत से इस विवाह को अवैध घोषित करने की अपील की थी।