नौतनवा में धड़ल्ले से हो रहा अवैध मिट्टी खनन का कारोबार, प्रशासन मौन

नौतनवा में धड़ल्ले से हो रहा अवैध मिट्टी खनन का कारोबार, प्रशासन मौन

नौतनवा (आनन्द श्रीवास्तव): नौतनवा तहसील क्षेत्र के सरहदी गांवों में अवैध मिट्टी खनन का गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है। पोकलेन और जेसीबी मशीनों की मदद से खेतों में गहरे गड्ढे खोदकर मिट्टी निकाली जा रही है। यह मिट्टी ट्रैक्टर-ट्रालियों के माध्यम से तेज गति से ढोई जा रही है, जिससे दिन-रात सड़कों पर ट्रैफिक की समस्या और हादसों की आशंका बनी हुई है।

 

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नौतनवा तहसील क्षेत्र में लगभग 5 से 6 खनन माफियाओं के ग्रुप सक्रिय हैं, जो कई गांवों में अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं। इनमें गनवरिया, महुअवा, सुकरौली उर्फ अरघा, फरेंदा, बगहा, छपवा और सुंडी जैसे गांव मुख्य रूप से प्रभावित हैं। इन इलाकों में माफिया पहले खेतों में जेसीबी मशीनों से मिट्टी निकालते हैं और फिर ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर उसे नहरों और मुख्य सड़कों के माध्यम से गंतव्य तक पहुंचाते हैं। यह पूरा काम बिना किसी वैध अनुमति के किया जा रहा है।

 

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नियमों की अनदेखी

सरकार ने मिट्टी खनन के लिए सख्त नियम बनाए हैं, जिसके तहत विभागीय पोर्टल पर अधिकतम 100 घन मीटर साधारण मिट्टी के खनन और उसके परिवहन के लिए अनुमति लेनी अनिवार्य है। इस अनुमति के तहत केवल 33 ट्राली मिट्टी ही निकाली जा सकती है। लेकिन खनन माफिया इन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए एक ही जगह से हजारों ट्राली मिट्टी का खनन कर रहे हैं और इसे बाजार में 1500 से 2000 रुपये प्रति ट्राली के हिसाब से बेच रहे हैं।

 

अवैध मिट्टी खनन 4

 

ट्रैक्टर-ट्रालियों का गैरकानूनी उपयोग

मिट्टी खनन के बाद इसके व्यावसायिक उपयोग के लिए सरकार ने यह नियम बनाया है कि मिट्टी ढोने में केवल व्यावसायिक वाहनों का ही उपयोग किया जाए। हालांकि, क्षेत्र में कृषि कार्य के लिए पंजीकृत ट्रैक्टर-ट्रालियों का धड़ल्ले से अवैध मिट्टी परिवहन के लिए उपयोग हो रहा है। यह नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है, लेकिन स्थानीय प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।

 

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हजारों ट्रालियों का अवैध खनन

सरकार द्वारा खेतों से मिट्टी निकालने के लिए कुछ शर्तों के साथ अनुमति दी जाती है, लेकिन यहां हजारों ट्राली मिट्टी खनन की जा रही है। नियमों के अनुसार 33 ट्राली से अधिक मिट्टी नहीं निकाली जानी चाहिए, लेकिन खनन माफिया इस सीमा का उल्लंघन कर रहे हैं। यह मिट्टी आसपास के बाजारों में ऊंचे दामों पर बेची जा रही है, जिससे माफियाओं को मोटा मुनाफा हो रहा है। जिला प्रशासन तथा स्थानीय तहसील प्रशासन मूक दशर्क बन तमाशा देख रहा है।

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