लखनऊः उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के कर्मियों और कार्पोरेशन के प्रबंधन के बीच ठन गई है। पूर्वांचल और दक्षिणांचल बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। इसे लेकर 7 दिसंबर को पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद आगे के आंदोलन की रणनीति भी तय की जाएगी। बिजली कॉर्पोरेशन मैनेजमेंट कर्मचारियों के इस आंदोलन को रोकने को लेकर सतर्क हो गया है।कार्पोरेशन ने सभी जिलो में कंट्रोल रूम बनाकर कर्मचारियों पर नजर रखने का प्लान बनाया है। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे कर्मचारियों के आंदोलन से दूर रहें। अगर वे इस आंदोलन का हिस्सा बनेंगे तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। इसके अलावा आंदोलन को रोकने के लिए प्रबंधन ने कमर कस ली है। कार्मिकों पर नजर रखने के अलावा अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। जो छुट्टी पर हैं, उन्हें वापस आने का आदेश दिया गया है।
बिजली कर्मचारियों के प्रोटेस्ट में दिखे तो सेवा होगी समाप्त… यूपी में आउटसोर्स कर्मियों को सख्त हिदायत, छुट्टियां रद
बता दें कि निजीकरण के खिलाफ यूपी और उत्तराखंड को छोड़ शुक्रवार को पूरे देश में बिजली कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान 27 लाख कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। शनिवार को उत्तर प्रदेश के कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। बिजली कर्मी प्रदर्शन को रोकने को लेकर प्रबंधन की तैयारियों से भी नाराज हैं। उन्होंने ऊर्जा मंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील भी की है और कहा है कि वह बिजली कर्मचारियों के लोकतांत्रिक ढंग से विरोध करने के अधिकार का हनन से रोकें।