ओडिशा (Odisha) तट पर लगा लाल झंडा और भगवान जगन्नाथ की रेत पर आकृति बनाकर उसमें लिखे गए शब्द ये बताने के लिए काफी है कि राज्य में आने वाले तूफान ‘दाना’ का खतरा कितना ज्यादा है. बंगाल की खाड़ी (Bay Of Bengal) में उठा चक्रवात दाना ( Cyclone Dana) के 24-25 अक्टूबर को ओडिशा के तटों से टकराने के पूर्वानुमान के मद्देनजर भारतीय तटरक्षक हाई अलर्ट पर है. तूफान पश्चिम बंगाल और ओडिशा दोनों से टकराएगा, लेकिन इससे ओडिशा सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला है, जिसका असर राज्य में दिखने भी लगा है.
चक्रवात के खतरे के मद्देनजर ओडिशा के करीब 3 लाख लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है, और आज दोपहर तक लगभग 90% लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का लक्ष्य है. राज्य के भुवनेश्वर हवाई अड्डे के अधिकारियों ने 24 अक्टूबर से 25 अक्टूबर सुबह 9 बजे तक 17 घंटे की उड़ान सेवाएं निलंबित कर दी हैं, जिससे लगभग 45 उड़ानें प्रभावित होने का अनुमान है.
182 फायर और रेस्क्यू टीमों को किया गया तैनात
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि राज्य में चक्रवात के दस्तक देने के इसकी स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है. इंडिया मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इससे प्रभावित जिलों, जैसे कि केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, जगतसिंहपुर, और पुरी के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. ओडिशा के 14 जिलों में 182 फायर और रेस्क्यू टीमों को तैनात किया गया है, जो चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना वाले क्षेत्र हैं.
288 बचाव दल किए गए तैनात
ओडिशा सरकार ने राज्य के 14 जिलों के संवेदनशील इलाकों में 288 बचाव दल तैनात किए गए हैं. सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 19 टीम, ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) की 51 टीम और अग्निशमन सेवा की 178 टीम तैनात की हैं.
मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह देते हुए बताया कि उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में 90-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चल रही हैं जो बढ़कर 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं.