दे चुके हैं दासुन शनाका मौत को भी मात, उनके आंखों के सामने पड़ी थी 300 से ज्यादा लोगों की डेड बॉडी

गुरुवार को पुणे में खेले गए दूसरे टी20 मैच में श्रीलंका ने भारत को हरा दिया. इस मैच में श्रीलंकाई टीम के हीरो रहे कप्तान दासुन शनाका रहे. शनाका ने अंत में तेजी से रन बनाते हुए टीम को विशाल स्कोर तक पहुंचाया. उन्होंने आखिरी ओवरों में तेजी से रन बटोरे और 22 गेंदों पर नाबाद 56 रन बनाए. अपनी इस पारी में उन्होंने दो चौके और छह छक्के मारे. शनाका की कप्तानी में ही श्रीलंका ने एशिया कप जीता था. वह इस समय श्रीलंका के लिए असली हीरो साबित हो रहे हैं, लेकिन ये हीरो यहां तक मौत को मात देकर पहुंचा है.

2019 में ईस्टर के दिन श्रीलंका में एक ब्लास्ट हुआ था. इस ब्लास्ट में कुल 320 लोगों की जान गई थी. इस हादसे का शनाका पर गहरा असर हुआ था और उन्होंने कहा था कि उस समय जो उन्होंने देखा उसके बाद वह बाहर जाने से डरते थे.

किस्मत ने बचाया

शनाका ने क्रिकइंफो को बताया था कि वह उनके शहर नेगोम्बो स्थित सेबास्टियन चर्च में ईस्टर वाले दिन नहीं गए थे क्योंकि इससे एक दिन पहले वो लंबा सफर करके लौटे थे.ये चर्च उन जगहों में शामिल था जहां ब्लास्ट हुए थे. शनाका अगर ईस्टर वाले दिन चर्च में जाते तो उनके साथ कुछ भी हो सकता था लेकिन ये शायद किस्मत ही थी कि वह उस दिन चर्च नहीं गए और बच गए.

शनाका ने कहा था, “आमतौर पर मैं चर्च में जाता, लेकिन उस दिन मैं थका हुआ था. उस सुबह जब मैं अपने घर में था. मैंने एक आवाज सुनी. लोग कह रहे थे कि चर्च में बम फट गया. मैं वहां भाग कर गया और उस मंजर को मैं कभी नहीं भूल सकता. पूरा चर्च तहस-नहस हो चुका था. लोगों की लाशें बाहर पड़ी थीं.”

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मां और दादी बाल-बाल बची

किस्मत ने सिर्फ शनाका को ही उस ब्लास्ट में नहीं बचाया था बल्कि उनकी मां और दादी को भी बचाया था. जैसे ही शनाका ने ब्लास्ट की बात सुनी तो वह भाग कर गए और अपनी मां, दादी को देखा. दोनों ही ईस्टर के लिए चर्च गई हुई थीं. दोनों बच गई थीं हालांकि उनकी दादी के सिर में चोट आई थी जिसकी सर्जरी करानी पड़ी थी.शनाका ने कहा था, “मैं सड़क पर जाने से डरता हूं.”

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