यूपी में गेहूं की कालाबाजारी करने वालों पर नकेल, थोक व्यापारियों के लिए स्टाक की सीमा तय हुई

लखनऊ: गेहूं की स्टाक लिमिट तय कर दी गई है। इस संबंध में शासन ने सभी जिलों को पत्र भेजा है। इसमें कहा कि दो हजार मीट्रिक टन से ज्यादा स्टाक थोक व्यापारी नहीं कर सकेंगे। सभी आढ़तियों को प्रत्येक शुक्रवार को स्टाक लिमिट बतानी होगी। विभागीय अधिकारी अचानक निरीक्षण करेंगे। पहले यह स्टाक लिमिट तीन हजार मीट्रिक टन तक थी जिसे अब घटा दिया गया है। प्रदेश में ट्रेडर्स होलसेलर्स की श्रेणी में 4992 इकाइयां पंजीकृत हैं। इनमें 247 इकाइयों की स्टाक लिमिट ज्यादा निकली थी। इस बार फिर से सभी खाद्य एवं विपणन अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है, जिससे स्टाक लिमिट को नियंत्रित किया जा सके।

 

 

खाद्य एवं रसद विभाग के अपर आयुक्त कामता प्रसाद ने कहा कि जमाखोरी रोकने के लिए स्टाक लिमिट का पालन करवाया जाए। सभी इकाइयों का रजिस्ट्रेशन भारत सरकार के पोर्टल पर होना अनिवार्य है। संयुक्त टीम से इनका निरीक्षण करवाया जाएगा। सभी व्यापारियों को साप्ताहिक रूप से प्रत्येक शुक्रवार को अपनी स्टाक लिमिट की पोर्टल पर घोषणा करना अनिवार्य होगा।

उन्होंने जिले के खाद्य एवं विपणन अधिकारियों से कहा कि स्टाक लिमिट का कड़ाई से पालन करवाया जाए। शासन के निर्देशों का अनुपालन यदि किसी भी विधिक इकाई द्वारा नहीं किया जाता तो उसके विरुद्ध विभागीय टीम एक्शन लेगी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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