ममता पर टिप्पणी करना बीजेपी नेता अभिजीत गांगुली को पड़ा भारी, EC ने चुनाव प्रचार से रोका

 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय (अभिजीत गांगुली) को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया था, जिसके बाद आयोग को अभिजीत गांगुली ने अपना जवाब भेजा. जवाब भेजने के कुछ घंटों के बाद चुनाव आयोग ने उनके ऊपर कार्रवाई की है और कुछ घंटों के लिए प्रचार करने से रोक दिया है.

चुनाव आयोग ने अभिजीत गांगुली को 24 घंटे के लिए प्रचार करने से रोक दिया है. इस दौरान आयोग ने कहा कि निम्न स्तर का व्यक्तिगत हमला किया गया है. भारत में महिलाओं पर सीधा हमला किया गया है. उनकी टिप्पणियों से बंगाल को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है और बदनामी हुई है. चुनाव आयोग का प्रतिबंध मंगलवार शाम 5 बजे से प्रभावी होगा और अगले 24 घंटों तक रहेगा.

15 मई को हल्दिया में आयोजित एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी के खिलाफ अभिजीत गांगुली ने टिप्पणी की थी, जिसकी शिकायत टीएमसी ने चुनाव आयोग से की थी. चुनाव आयोग ने कहा था कि टिप्पणियां “अनुचित, अविवेकपूर्ण और अशोभनीय” पाई गईं और प्रथम दृष्टया आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हैं. चुनाव आयोग ने गांगुली से 20 मई की शाम 5 बजे तक जवाब मांगा था.

तमलुक लोकसभा सीट पर 25 मई को चुनाव

आयोग का कहना था कि वरिष्ठ अधिकारी कारण बताओ नोटिस पर गांगुली का जवाब मिलने के बाद अध्ययन करेंगे और उसके बाद फैसला लेंगे. भारतीय जनता पार्टी ने अभिजीत गांगुली पर भरोसा जताते हुए पश्चिम बंगाल की तमलुक सीट से टिकट दिया है. इस सीट पर छठवें चरण में 25 मई को वोटिंग करवाई जाएगी. मौजूदा लोकसभा चुनाव में गांगुली चौथे नेता हैं जिन्हें महिलाओं के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी के लिए चुनाव आयोग की ओर से नोटिस जारी किया गया. साथ ही साथ एक्शन लिया गया है. चुनाव आयोग बीजेपी के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष और कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत को भी नोटिस जारी कर चुका है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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