एजाज़ अहमद उस्मानी की रिपोर्ट-
मेड़ता रोड : स्वायत्त शासन विभाग (डीएलबी) ने एक आदेश जारी कर नागौर जिले की मेड़ता नगर पालिका के अध्यक्ष गौतम टाक और वार्ड संख्या-23 के पार्षद रुस्तम अली प्रिंस को सस्पेंड कर दिया है। रुस्तम अली प्रिंस पूर्व पालिकाध्यक्ष भी रह चुके हैं। इनके खिलाफ अवैध रूप से पट्टे जारी करने की शिकायत की गई थी। मेड़ता नगर पालिका अध्यक्ष गौतम टाक और वार्ड-23 के पार्षद रुस्तम अली प्रिंस को निलंबित किए जाने की खबर के बाद शहर में चर्चा का माहौल है। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं संयुक्त सचिव सुरेश कुमार ओला ने एक आदेश जारी करते हुए पालिकाध्यक्ष टाक और पार्षद प्रिंस को निलंबित किया है।
आदेश में हवाला दिया गया है कि पालिका अध्यक्ष टाक और पार्षद प्रिंस को लेकर मेड़ता में अवैध तरीके से पट्टे जारी करने और पालिका की राजस्व को नुकसान पहुंचाने के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई। इस पर स्वायत्त शासन विभाग की ओर से स्थानीय निकाय विभाग अजमेर के उपनिदेशक (क्षेत्रीय) की ओर से अलग-अलग प्राप्त हुई। इन दोनों शिकायतों को लेकर जांच करवाई गई। जांच में ये पाया गया है कि पालिका अध्यक्ष गौतम टाक और पार्षद प्रिंस की ओर से अनियमितताएं कर पद का दुरुपयोग करते हुए नियम विरुद्ध पट्टे जारी किए गए हैं। प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर सहायक शासन विभाग में पालिका अध्यक्ष गौतम टाक और पार्षद प्रिंस को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (1) के तहत स्पष्टीकरण जारी किया गया है। जांच रिपोर्ट और प्राप्त स्पष्टीकरण के आधार पर ही पालिका अध्यक्ष और पार्षद का यह कृत्य राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (1) (घ) (i) (ii) (vi) के तहत पाए जाने के कारण आरोपी एवं उत्तरदायी है।
राज्य सरकार ने इन शक्तियों का किया उपयोग
राज्य सरकार की ओर से इन दोनों के विरुद्ध राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (3) के अंतर्गत न्यायिक जांच करवाए जाने को लेकर प्रकरण विधि अनुभाग को प्रेषित किया गया है। स्वायत्त शासन विभाग ने पालिकाध्यक्ष और वार्ड 23 के पार्षद के पद पर बने रहने से न्यायिक जांच प्रभावित किए जाने की संभावना को देखते हुए राजस्थान नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 39 (6) के अंतर्गत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार में दोनों को पद से तुरंत प्रभाव से निलंबित किया है।