हिमाचल में 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव, सुक्खू सरकार का तय होगा भविष्य

 

जहां हिमाचल प्रदेश की चार सीटों पर लोकसभा चुनाव के चलते 1 जून को मतदान किया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी चल रहा है. यह उपचुनाव हिमाचल में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार का भविष्य तय करेगा. इस चुनाव से सुक्खू सरकार की साख दांव पर लगी है.

हिमाचल में सुजानपुर, धर्मशाला, लाहौल-स्पिति, बर्सर, गगरेट और कुटलैहड़ में उपचुनाव जारी है. जिन में बागी नेता राजिंदर राणा, सुधीर शर्मा, देविंदर कुमार भुट्टो, चैतन्य शर्मा, इंदर दत्त लखनपाल और रवि ठाकुर बीजेपी के टिकट से मैदान में उतरे हैं. जिसके चलते अब यह देखना होगा कि इन सीटों पर सुक्खू सरकार की बात बनेगी या सरकार को भारी चोट पहुंचेगी और बीजेपी के लिए यह फिर से सत्ता हासिल करने का बड़ा मौका बनेगा.

बीजेपी में शामिल हुए थे बागी नेता

हिमाचल प्रदेश के बजट सत्र के दौरान पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के आरोप के चलते 6 बागियों को कांग्रेस ने अयोग्य ठहरा दिया था. जिस के बाद छह विधानसभा सीटें खाली हो गई थीं. इन विधायकों ने 29 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए मतदान किया और बाद में सभी विधायक बीजेपी पार्टी में शामिल हो गए. जिसके बाद अब यह सारे विधायक अपने क्षेत्रों में बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव में मैदान में उतरे हैं.

उपचुनाव सुक्खू का तय करेंगे भविष्य

इस चुनाव में सीएम सुक्खू के लिए बहुत कुछ दांव पर लगा है. इन 6 सीटों के उपचुनाव के नतीजे सीएम सुक्खू के राजनीतिक भविष्य पर काफी असर डाल सकते हैं. भाजपा के लिए, जिसे 2022 के विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था, यह मौका खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करने का है. 2022 में कुल 68 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 40 सीटें हासिल की थी, बीचेपी ने 25 और अन्य ने 3 सीटें हासिल की थी. हालांकि साल 2014 और 2019 में बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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