Ayodhya Deepotsav 2024: इस बार बेहद खास होगा दीपोत्सव, 55 घाटों पर जलेंगे 28 लाख दीये; जगमगा उठेगी रामनगरी अयोध्या

Ayodhya deepotsav 2024: इस बार बेहद खास होगा दीपोत्सव, 55 घाटों पर जलेंगे 28 लाख दीये; जगमगा उठेगी रामनगरी अयोध्या

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस वर्ष भी अयोध्या का 8वां दीपोत्सव भव्य और दिव्य रूप से मनाने का निर्णय लिया है. इस अवसर पर सरयू नदी के 55 घाटों पर 28 लाख दीयों को प्रज्वलित कर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी हो रही है. दीपोत्सव की तैयारियों के अंतर्गत डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने दीयों और स्वयंसेवकों की संख्या का निर्धारण कर लिया गया है, जिससे इस आयोजन को सफल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर योजनाबद्ध कार्य हो सके.

आयोजन के तहत सरयू नदी के 55 घाटों पर 28 लाख से अधिक दीए प्रज्वलित किए जाएंगे. राम की पैड़ी, चौधरी चरण सिंह घाट और भजन संध्या स्थल सहित अन्य सभी घाटों पर दीयों को घाट समन्वयकों की निगरानी में बिछाया जाएगा. इसके अलावा, 14 सम्बद्ध महाविद्यालयों, 37 इंटरमीडिएट कॉलेजों और 40 स्वयंसेवी संस्थाओं से लगभग 30,000 स्वयंसेवक इस आयोजन में सक्रिय रूप से भाग लेंगे. घाटों पर दीयों की संख्या और स्वयंसेवकों का वितरण पहले ही तय कर लिया गया है.

घाटों पर दीयों और स्वयंसेवकों की संख्या

अवध विश्वविद्यालय ने घाटों पर प्रज्वलित किए जाने वाले दीयों और तैनात किए जाने वाले स्वयंसेवकों की संख्या का भी विस्तृत आंकड़ा जारी किया है. उदाहरण के लिए, राम की पैड़ी के घाट एक पर 65,000 दीयों को जलाने के लिए 765 स्वयंसेवक तैनात होंगे, जबकि घाट दो पर 38,000 दीयों के लिए 447 स्वयंसेवक जिम्मेदारी संभालेंगे.

इसी प्रकार घाट तीन पर 48,000 दीयों के लिए 565 स्वयंसेवक और घाट चार पर 61,000 दीयों के लिए 718 स्वयंसेवक तैनात होंगे. सभी 55 घाटों पर इसी प्रकार दीयों की संख्या के अनुसार स्वयंसेवकों को तैनात किया जाएगा. आयोजन में विभिन्न कॉलेजों और संस्थाओं से जुड़े स्वयंसेवक पूरे उत्साह के साथ भागीदारी करेंगे और घाटों पर दीयों की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे.

स्वयंसेवकों की भागीदारी और आईकार्ड वितरण

दीपोत्सव के नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र ने बताया कि 30 अक्टूबर को आयोजित होने वाले इस दीपोत्सव की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं. घाटों पर दीयों की खेप 24 अक्टूबर से पहुंचनी शुरू हो गई है और 25 अक्टूबर से दीयों को घाटों पर बिछाने का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा. स्वयंसेवकों का आईकार्ड वितरण भी शुरू हो गया है, जिसमें से 15,000 से अधिक आईकार्ड संस्थानों के पदाधिकारियों को वितरित किए जा चुके हैं. शुक्रवार तक सभी संस्थानों को आईकार्ड उपलब्ध करा दिए जाएंगे.

25 अक्टूबर को पूर्वाह्न 11:30 बजे स्वामी विवेकानंद सभागार में अंतिम प्रशिक्षण बैठक आयोजित की जाएगी. इस बैठक में जिला प्रशासन के साथ विश्वविद्यालय के समस्त संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, समन्वयक, प्राचार्य और घाट प्रभारी उपस्थित रहेंगे. इस बैठक का उद्देश्य दीपोत्सव की अंतिम तैयारियों को सुनिश्चित करना है, ताकि 30 अक्टूबर को दीपोत्सव के दिन आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न किया जा सके.

विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी

सरयू नदी के 55 घाटों पर 28 लाख से अधिक दीयों को जलाने का लक्ष्य रखा गया है, जो अयोध्या को एक बार फिर से विश्व पटल पर स्थापित करेगा. यह दीपोत्सव न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अयोध्या की सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर करता है.

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