Anantnag Rajouri Lok Sabha Seat Winner Mian Altaf: मियां अल्ताफ ने महबूबा को दी करारी शिकस्त, जानें सांसद के बारे में सब कुछ

 

जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट पर बेहद चौंकाने वाले परिणाम आए हैं. इस सीट से चुनावी मैदान में उतरीं पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती को नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उम्मीदवार मियां अल्ताफ अहमद से करारी हार की सामना करना पड़ा है.

इस बार के चुनावी नतीजों की बात करें तो नेशनल कॉन्फ्रेंस उम्मीदवार मियां अल्ताफ को 5 लाख 21 हजार 836 वोट मिले. वहीं पीडीपी उम्मीदवार महबूबा मुफ्ती ने 2 लाख 40 हजार 42 वोट हासिल किए.

महबूबा मुफ्ती को बड़े अंतर से हराया

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार मियां अल्ताफ अहमद ने अनंतनाग-राजौरी सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की महबूबा मुफ्ती को दो लाख से अधिक वोटों से करारी शिकस्त दी.

गुज्जर-बक्करवाल समुदाय का पीर

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अनंतनाग-राजौरी सीट पर नेशनल कान्फ्रेंस की जीत की एक बड़ी वजह मियां अल्ताफ का गुज्जर-बक्करवाल समुदाय का पीर होना भी है. एनसी को जो वोट मिला है वह पूरी तरह से धार्मिक आधार और बीजेपी, पीडीपी के खिलाफ मिला है.

कौन हैं मियां अल्ताफ?

मियां अल्ताफ गांदरबल जिले के वांगत कंगन के निवासी हैं. वह गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदाय में लोकप्रिय हैं. उन्होंने अब तक छह बार जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर जीत हासिल की. मियां अल्ताफ 1987 से लगातार मंत्री और कश्मीर के कंगन से विधायक रह चुके हैं.

कांग्रेस से लड़ा पहला चुनाव

हालांकि मियां अल्ताफ ने कांग्रेस के टिकट पर अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ा. बाद में वह नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए. इसके बाद वह अपने पिता और प्रभावशाली गुज्जर और धार्मिक गुरु मियां बशीर अहमद और दादा मियां निज़ामुद्दीन के उत्तराधिकारी बने. इनके पिता और दादा भी विधायक और मंत्री रह चुके थे.

परिवार का दबदबा

मियां अल्ताफ के परिवार ने साल 1962 से कंगन से लगातार 10 विधानसभा चुनाव जीते हैं. जिसमें उनके दादा मियां निज़ामुद्दीन ने 1962 का विधानसभा चुनाव जीता था. फिर पिता मियां बशीर अहमद ने 1967 से 1987 तक विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की. इसके बाद अल्ताफ अहमद खुद इस सीट से 1987, 1996, 2002, 2008 और 2014 में जीत दर्ज करते विधानसभा पहुंचे.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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