नई दिल्ली: करीब ढाई साल पहले जब भारतीय सेना में भर्ती का तरीका बदला और अग्निपथ स्कीम के जरिए अग्निवीरों की भर्ती शुरू हुई तभी से ही भारतीय सेना में नेपाली मूल के गोरखा की भर्ती नहीं हो पाई है। इसे लेकर नेपाल में कोई खास चर्चा भी नहीं हो रही है। कुछ दिनों पहले ही भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी नेपाल दौरे पर गए थे और अब कल यानी 11 दिसंबर से 14 दिसंबर तक नेपाल सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल का भारत दौरा शुरू हो रहा है। इस बीच ब्रिटेन ने अपनी सेना में नेपाली गोरखाओं की भर्ती बढ़ाई है।
क्या है गोरखा सैनिकों का मामला
अग्निपथ स्कीम के तहत नेपाल अपने युवाओं को नहीं भेजना चाहता। जब अग्निपथ स्कीम के तहत भर्ती शुरू हुई तब नेपाल में भारतीय सेना ने भर्ती रैली के आयोजन की तारीख तय की। लेकिन नेपाल सरकार की तरफ से इसकी इजाजत न मिलने की वजह से भर्ती रैली नहीं हो पाई। नेपाल चाहता है कि नेपाली गोरखाओं को पहले की तरह परमानेंट तौर पर सेना में लिया जाए ना कि अग्निवीर के तौर पर। नेपाल के सभी राजनीतिक दल इसे लेकर एकमत हैं और वहां इस मुद्दे पर न तो कोई राजनीतिक बयानबाजी हो रही है और ना ही कोई विरोध या मांग उठ रही है। इस मुद्दे पर अभी दोनों देशों की सरकार के स्तर पर बातचीत आगे नहीं बढ़ी है। यह मसला दोनों देशों की सरकार के स्तर पर ही बातचीत से आगे बढ़ेगा।
भारतीय सेना में करीब ढ़ाई साल से गोरखा सैनिकों की भर्ती बंद है और इससे पहले भी दो साल तक सेना में कोई भर्ती नहीं हो पाई थी। लेकिन ब्रिटेन गोरखा सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है। एक अख़बार से ब्रिटिश हाईकमिशन के एक प्रवक्ता ने कहा कि ‘हम नियमित तौर पर सेना के स्ट्रक्चर का रिव्यू करते रहते हैं, इसमें गोरखा ब्रिगेड भी शामिल है। इसके तहत चार सालों की अवधि में हम ब्रिगेड में 100 अतिरिक्त कर्मी बढ़ाने की योजना पर काम कर रहे हैं’। भारतीय सेना में गोरखा की 7 रेजिमेंट हैं। आजादी के वक्त 10 गोरखा रेजिमेंट थी उनका भारत और ब्रिटेन के बीच बंटवारा हुआ। 6 भारत के हिस्से आई, 3 ब्रिटेन के पास गई और एक डिसबैंड कर दी गई। आजादी के बाद भारतीय सेना ने एक और गोरखा रेजिमेंट बनाई।
नेपाल आर्मी चीफ करेंगे विदेश मंत्री से भी मुलाकात
नेपाल आर्मी चीफ जनरल अशोक राज सिगडेल का बुधवार यानी 11 दिसंबर से भारत दौरा शुरू हो रहा है। इस दौरान वे इंडियन आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी से मुलाकात और चर्चा करेंगे। नेपाल आर्मी चीफ विदेश मंत्री एस. जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, विदेश सचिव विक्रम मिस्री, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से भी मिलेंगे। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारत की मानद जनरल की उपाधि भी देंगी। वे अयोध्या भी जाएंगे और राम मंदिर में दर्शन करेंगे।