नई दिल्ली : मुंबई के बांद्रा टर्मिनस पर शनिवार-रविवार देर रात प्लेटफार्म पर आ रही गोरखपुर अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन में चढ़ने की जल्दबाजी में हादसा हो गया। इस हादसे से अलर्ट रेलवे ने देश के उन तमाम रेलवे स्टेशनों का रिव्यू किया, जहां-जहां से दिवाली और छठ पूजा के लिए बड़ी संख्या में लोग बिहार और उत्तर प्रदेश जा रहे हैं। इन सभी स्टेशनों के लिए जरूरी संसाधनों की देखभाल के लिए सभी संबंधित जीएम, डीआरएम और एडीआरएम को 24 घंटे अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। ताकि फिर से कहीं कोई और हादसा ना होने पाए।
देश के तमाम रेलवे स्टेशनों का रिव्यू
रिव्यू में अधिकारियों ने जहां-जहां भी होल्डिंग एरिया में कमी, लाउंज, एक्स्ट्रा टिकट काउंटर, खाने-पीने की सुविधाएं और प्लेटफार्म पर अन्य तरीके की कमियों को देखा है। उन्हें समय रहते दुरूस्त करने के आदेश दिए गए हैं। पिछले दिनों ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि फेस्टिव सीजन को देखते हुए रेलवे ने इस बार एक करोड़ से अधिक यात्रियों के लिए सात हजार स्पेशल ट्रेनों को चलाया है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि यात्रियों के ‘सैलाब’ को देखते हुए यह ट्रेन भी नाकाफी साबित होती दिखाई दे रही हैं।
बांद्रा स्टेशन हादसे के बाद एक्शन
इधर, मुंबई हादसे के बारे में रेलवे का कहना है कि ना ही भगदड़ थी, ना ही फोर्स कम थी, कुछ यात्रियों की खुद की गलती थी। जो ट्रेन को देखते ही उसमें चढ़ने की कोशिश करने लगे। इससे कुछ यात्री गिर पड़े। लेकिन लोगों का कहना है कि मौके पर यात्रियों की जितनी भीड़ थी। उसके हिसाब से पर्याप्त संख्या में आरपीएफ और जीआरपी के जवान नहीं थे। अगर यात्रियों के हिसाब से आरपीएफ की तैनाती होती तो हादसा होता ही क्यों?
अधिक भीड़ वाले स्टेशनों पर एक्स्ट्रा इंतजाम
हालांकि, अंत्योदय एक्सप्रेस के चलने का समय था रविवार सुबह 5:15 बजे। जबकि ट्रेन प्लेटफार्म पर करीब ढाई घंटे पहले शनिवार-रविवार रात 2:44 बजे प्लेटफार्म पर लगाई जा रही थी। कुछ यात्रियों की जल्दबाजी से यह हादसा हो गया। जिसमें 9 लोग घायल हो गए। इनमें दो गंभीर हैं। इस मामले में रेलवे का कहना है कि त्योहार के समय दिल्ली और मुंबई रेलवे स्टेशनों के अलावा सूरत के पास उधना रेलवे स्टेशन, विजयवाड़ा से लोग अपने घरों को जाते हैं।
दिवाली-छठ को लेकर ट्रेनों में भारी भीड़
इसके अलावा विशाखापट्टनम, बेंगलुरु, चेन्नई, अमृतसर, लुधियाना और अंबाला समेत दक्षिण भारत और अन्य शहरों के रेलवे स्टेशनों से बड़ी संख्या में मजदूर और अन्य लोग दिवाली और छठ पूजा मनाने के लिए बिहार और यूपी अपने घरों को जाते हैं। यह हर साल का काम हैं। इसे देखते हुए रेलवे ने पहले भी तय किया था कि किसी भी ट्रेन का प्लेटफार्म नहीं बदला जाएगा। इस लापरवाही की वजह से पहले भी हादसे हुए हैं।