लखनऊ के चिनहट में युवक की हिरासत में मौत पर गरमाई राजनीति, प्रियंका और मायावती ने सरकार पर बोला हमला

मायावती और प्रियंका गांधी वाड्रा

पुलिस हिरासत में मोहित पांडे की मौत के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने घटना को दुखद करार देते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व सीएम मायावती ने हिरासत में मौत के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने हिरासत में निधन की घटना पर कहा कि जो कल घटना घटी है बहुत ही दुःखद है. सरकार ने घटना को बहुत गम्भीरता से लिया है. पीड़ित परिवार के साथ सरकार खड़ी है. जो लोग दोषी है उन पर कड़ी कार्रवाई होगी, अभी अभियुक्त पर एफआईआर हुई है और निलंबन भी होगा.

भाजपा ने जंगलराज कायम किया: प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल साइट्स एक्स पर ट्वीट कर कहा कि यूपी में लखनऊ पुलिस ने दो युवकों को पहले हिरासत में लिया. अगली सुबह उनमें से एक युवक की हो गई. यूपी पुलिस की हिरासत में एक पखवाड़े में यह मौत की दूसरी घटना है. इस घटना के बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके बेटे का मर्डर किया है.

उन्होंने कहा कि पूरे देश में यूपी हिरासत में होने वाली मौतों के मामले में पहले स्थान पर है. राज्य में भाजपा ने ऐसा जंगलराज कायम बनाया है. यहां पुलिस क्रूरता का पर्याय बन गई है. उन्होंने कहा कि जहां कानून के रखवाले ही जान ले रहे हों, वहां जनता न्याय की उम्मीद किससे करे?

अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होः मायावती

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा नेता मायावती ने कहा कि यूपी की राजधानी लखनऊ में पुलिस हिरासत में व्यापारी मोहित पांडे की कथित तौर पर हुई मौत की घटना पर परिवार एवं लोगों में रोष व आक्रोश व्याप्त होना स्वाभाविक. यह घटना अति-निन्दनीय है. सरकार पीड़ित परिवार को न्याय देने के लिए प्रभावी कदम अवश्य उठाए.

उन्होंने आगे लिखा कि इसके अलावा, यहां प्रदेश में महिलाओं पर भी आए दिन हो रही जुल्म-ज्यादती की घटनाएं अति-चिन्तनीय, जिन पर भी सरकार ऐसे अपराधियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करे, जो अत्यन्त जरूरी है.

जानें क्या कही थी घटना

32 वर्षीय व्यापारी मोहित पांडे की शनिवार को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. मोहित को अपने पड़ोसी आदेश कुमार के साथ मामूली बात पर हुए विवाद के बाद लखनऊ के चिनहट थाने में ले जाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी.

उसके बाद स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) और अन्य के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है. उसे पद से हटा दिया गया है.

मोहित की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस और कथित रूप से शामिल अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. मोहित के परिवार ने दावा किया कि पुलिस ने आदेश और उसके चाचा, एक राजनीतिक नेता के इशारे पर उसे बेरहमी से पीटा गया था.

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