महराजगंज (आनन्द श्रीवास्तव)। इंडो-नेपाल सीमा के गांवों और कस्बों में अब दूसरे शहरों और राज्यों से आकर रहने वाले किरायेदारों के लिए पुलिस सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) सोमेंद्र मीना ने सीमावर्ती थाना क्षेत्रों की पुलिस को निर्देश जारी करते हुए सभी किराएदारों का सत्यापन कर सूची तैयार करने के आदेश दिए हैं। इस पहल का उद्देश्य सीमा के आसपास की सुरक्षा को सुदृढ़ करना और अपराधियों व असामाजिक तत्वों को भारत-नेपाल की खुली सीमा का दुरुपयोग करने से रोकना है।
बिना सत्यापन के मकान देने पर मकान मालिकों पर कार्रवाई होगी-
एसपी सोमेंद्र मीना ने बताया कि सीमा से जुड़े कस्बों और गांवों में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों और शहरों से लोग आकर बसते हैं, जिनमें कई लोग व्यापारिक गतिविधियों के लिए भी आते हैं। अक्सर मकान मालिक बिना किसी पुलिस सत्यापन के इन लोगों को किराए पर मकान दे देते हैं, लेकिन जब कोई आपराधिक घटना घट जाती है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। ऐसे में बिना सत्यापन मकान किराए पर देने वाले मकान मालिकों के खिलाफ भी प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाने का निर्णय लिया है। अब हर मकान मालिक को मकान किराए पर देने से पहले किरायेदार का फोटो, आधार कार्ड, बायोडाटा और अन्य पहचान पत्र निकटतम पुलिस थाना या चौकी में जमा कराना अनिवार्य होगा।
नेपाल सीमा के थाना क्षेत्रों में विशेष अभियान-
एसपी सोमेंद्र मीना ने नेपाल सीमा से सटे सभी थाना क्षेत्रों और पुलिस चौकियों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे बिना सत्यापन रह रहे किराएदारों की एक व्यापक सूची तैयार करें। इस प्रक्रिया से पुलिस को किराएदारों की पूरी जानकारी मिल सकेगी, जिससे सीमा क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखना आसान हो जाएगा।
किराएदार सत्यापन से सुरक्षा में मिलेगी मजबूती-
पुलिस प्रशासन का मानना है कि किराएदारों की सही जानकारी प्राप्त होने से सीमा पर होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। पुलिस सत्यापन के माध्यम से किराएदारों की पहचान सुनिश्चित की जाएगी, जिससे असामाजिक तत्वों और अपराधियों की पहचान और पकड़ने में आसानी होगी। यह कदम सीमा की सुरक्षा और जनसामान्य की सुरक्षा दोनों के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मकान मालिकों के लिए निर्देश-
एसपी सोमेंद्र मीना ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई मकान मालिक सत्यापन के बिना मकान किराए पर देता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मकान मालिकों से अनुरोध किया गया है कि किराएदार के दस्तावेज जमा कराने के साथ ही यह सुनिश्चित करें कि उनका किराएदार विश्वसनीय हो। पुलिस ने सभी मकान मालिकों को आगाह किया है कि वे समय रहते सत्यापन प्रक्रिया पूरी कर लें, अन्यथा उन्हें प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
इस नई व्यवस्था से इंडो-नेपाल सीमा के आसपास का इलाका अधिक सुरक्षित होने की उम्मीद है, जहां सही पहचान और सत्यापन के बाद ही किराए पर रह रहे लोग निवास करेंगे। इस कदम से सीमावर्ती क्षेत्र की सुरक्षा को और अधिक मजबूती मिलेगी और आपराधिक गतिविधियों पर कड़ी निगरानी संभव होगी।