महराजगंज : प्राथमिक विद्यालयों में निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों के लिए जिम्मेदारो की जिम्मेदारी तय

प्राथमिक विद्यालयों में निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों के लिए जिम्मेदारो की जिम्मेदारी तय

महराजगंज। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में प्री-प्राइमरी से कक्षा दो तक के विद्यार्थियों को गणित एवं भाषा में दक्ष बनाने के लिए अब अधिकारियों की जवाबदेही एवं जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है। निपुण भारत मिशन के लक्ष्य को वर्ष 2026-27 तक हासिल करने के लिए यह तैयारी की गई है।

बीईओ, डायट मेंटर, स्पेशल रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) एवं शिक्षक संकुल को अब विद्यालयों को निपुण बनाने का दायित्व सौंपा गया है। अब बीईओ को ब्लाॅक संसाधन केंद्र या फिर उनके कार्यालय के पास स्थित विद्यालय को निपुण बनाना होगा। वह प्राथमिक स्कूल या फिर कंपोजिट विद्यालय में से किसी भी विद्यालय का जिम्मा लेंगे। जिले में 12 ब्लाॅक हैं, नए आदेश के तहत अब सभी बीईओ यह जिम्मेदारी निर्वहन करेंगे। डायट मेंटर को किसी भी ब्लॉक का विद्यालय आवंटित किया जाएगा। प्रत्येक ब्लॉक में एक डायट मेंटर हैं। न्याय पंचायत स्तर पर पांच-पांच शिक्षकों को संकुल शिक्षक बनाया गया है। एसआरजी को भी अपने मूल विद्यालय को निपुण बनाने का जिम्मा दिया जाएगा। यह सभी एक-एक विद्यालय की जिम्मेदारी लेंगे। इसके अलावा एआरपी को अपने ब्लॉक के 10 विद्यालयों को निपुण बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे विद्यालय जहां 80 प्रतिशत छात्र गणित एवं भाषा में दक्ष होंगे, उन्हें निपुण विद्यालय घोषित किया जाएगा। फिलहाल समय से पहले लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अब अधिकारियों को भी स्कूलों की जिम्मेदारी दी गई है। जो नियमित अपने विद्यालय की निगरानी करेंगे और उसे निपुण बनाने में मदद करेंगे।

एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) को पहले ही 10-10 विद्यालयों की जिम्मेदारी दी जा चुकी है। अब इसमें बीईओ सहित अन्य को भी शामिल किया गया है। मालूम हो कि जिले में 1705 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!