ईरान-इजराइल के बीच तनातनी शनिवार को और भी बढ़ गई, जब इजराइल ने ईरान पर फिर हमला बोला. इजराइल ने शनिवार को ईरान में कई सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जो कि महीनों से सुलगते संघर्ष में आग में घी डालने का काम किया है. इजराइल के ईरान पर नए हमले से मिडिल ईस्ट में संघर्ष तेज होने की आशंका बढ़ गई है.
इस बीच, इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष में पश्चिम देशों में ईरान की धौंस दिखाई और बदले की कार्रवाई रोकने के लिए कहा है, लेकिन पश्चिम देशों की धमकी के बाद अब अरब और मुस्लिम देश भी सक्रिय हो गए हैं और बदले की कार्रवाई की धमकी दी है. इससे मिडिल ईस्ट में युद्ध भड़कने की आशंका बढ़ गई है.
ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष के कारण मध्य पूर्व के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. इस बीच पश्चिमी देशों में ईरान को नसीहत दी है कि वे इजराइल के खिलाफ बदले की कार्रवाई नहीं करें और इजराइल के ताजा हमले का जवाब देने से बचें. दूसरी ओर अरब और मुस्लिम देश ईरान पर इजराइली हमले की निंदा कर रहे हैं.
इजराइल-ईरान में संघर्ष से कोहराम
1 अक्टूबर को ईरान ने इजराइल पर 200 मिसाइलें दागी थी. हालांकि अधिकांश को देश की हवाई रक्षा प्रणालियों द्वारा रोक दिया गया था. उसके बाद शनिवार को इजराइल ने ईरान पर फिर हमला बोला है.
ईरान की मिसाइल फैक्ट्रियों पर हमला करके, इजराइल संभवतः एक शक्तिशाली हथियार को कुंद करने की उम्मीद कर रहा है जिसका इस्तेमाल इस्लामिक गणराज्य ने हाल के महीनों में देश के खिलाफ किया है.
ईरान ने इस साल दो बार सीधे इजराइल पर हमला किया है – एक बार अप्रैल में और दूसरी बार 1 अक्टूबर को, लेकिन बड़े पैमाने पर मिसाइलों से हमले को इजराइली सेना ने बेअसर कर दिया था. बदले में इजराइल ने फिर शनिवार को ईरान पर हवाई हमला बोला है.
ईरान को अमेरिका सहित पश्चिम देशों ने दिखाई आंख
अमेरिका के ह्वाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि यह प्रतिक्रिया अनुपातिक थी. उन्होंने ईरान को संदेश दिया है कि यदि वह हमले का जवाब देता है, तो वे इजराइल की रक्षा करेंगे.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी ईरान को कुछ इसी तरह की सलाह देते हुए कहा कि वह हवाई हमलों का जवाब नहीं दे. उन्होंने कहा कि इजराइल को ईरान के आक्रमण की स्थिति उसे बचने का अधिकार है, लेकिन वह मिडिल ईस्ट में संघर्ष पर विराम लगने की जरूरत है.
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने भी ईरान को चेताते हुए कहा कि किसी भी तरह की बढ़ती प्रतिक्रिया को तत्काल रोके जाने की जरूरत है. रूस ने भी बयान जारी कर कहा है कि इजराइल और ईरान के बीच लगातार बढ़ रहा संघर्ष नियंत्रण से बाहर हो सकता है.
मुस्लिम और अरब देश भी हुए एक्टिव
इस बीच, इजराइल के हमले के बाद कई मुस्लिम देशों ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है. और हमले की निंदा करते हुए कहा कि इससे मध्य पूर्व में अस्थिरता बढ़ने का खतरा है. ईजिप्ट ने गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकती है.
जॉर्डन ने भी हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है और ईरान की संप्रभुता पर हमला हमला है. तुर्की ने भी इजराइल के आतंक की समाप्त करने की बात कही है. सऊदी अरब और यूएई ने भी ईरान के खिलाफ इजराइली की निंदा करते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है.