कोलकाता: महिला डॉक्टर से बलात्कार और हत्या मामले की जांच को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक के बाद सोमवार को अपनी 15 दिन की भूख हड़ताल खत्म कर दी। डॉक्टरों की तरफ से मंगलवार को होने वाली हेल्थ स्ट्राइक भी वापस ले ली गई है। इससे पहले इस गतिरोध को सुलझाने के लिए सोमवार शाम को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों के बीच राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में करीब दो घंटे बैठक हुई। दोनों पक्षों ने चिकित्सकों की विभिन्न मांगों पर चर्चा की। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के एक वर्ग द्वारा जारी भूख हड़ताल के 17वें दिन आयोजित इस बैठक का पहली बार राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ से सीधा प्रसारण किया गया।
कोलकाता आरजी कर मेडीकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई इस घटना को लेकर जूनियर डॉक्टर 5 अक्टूबर से लगातार भूख हड़ताल पर बैठकर साथी ट्रेनी डॉक्टर की हत्या की जांच और राज्य के हेल्थकेयर सिस्टम में बदलाव की मांग कर रहे थे। हड़ताल खत्म करने की घोषणा करते हुए जूनियर डॉक्टरों की तरफ से कहा गया कि वह 26 अक्टूबर को आरजी कर अस्पताल में सामूहिक सम्मेलन का आयोजन करेंगे और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों के एक साथी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए बताया कि आज सीएम ममता के साथ बैठक में हमें हमारी कुछ शर्तों को मानने का आश्वासन मिला है। लेकिन हमें राज्य सरकार की शारीरिक भाषा सकारात्मक नहीं लगी। आम जनता ने हमारा पूरा समर्थन किया। हमारी मृत बहन( आरजी कर हॉस्पिटल की पीड़िता) के माता पिता हमारे साथ लगातार डटे रहे। हमारी बिगड़ती हालत को देखते हुए वह लगातार हमसे यह हड़ताल खत्म करने के लिए कह रहे थे इसीलिए हमने यह भूख हड़ताल वापस ले ली।
दरअसल इस भूख हड़ताल के पहले जूनियर डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर 10 अगस्त से 21 सितंबर तक हड़ताल करते हुए राज्य की ममता सरकार के सामने 5 मांगे रखीं थी, जिनमें से सरकार ने केवल 3 मांगे पूरी की और बाकी दो मांगों पर विचार करने भरोसा दिया। बाद में एक एक हॉस्पिटल में डॉक्टर और नर्सों की पिटाई का मामला सामने आया तो डॉक्टरों ने फिर से भूख हड़ताल शुरू कर दी। 20 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताल खत्म करने के लिए कहा, लेकिन डॉक्टरों ने बैठक के पहले हड़ताल खत्म करने का फैसला किया। ममता ने कहा कि हमारी सरकार ने डॉक्टरों की तीन मांगों को मान लिया है लेकिन तब भी वह हड़ताल को खत्म नहीं कर रहे हैं। विरोध करने का अधिकार सभी को है लेकिन इससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं होना चाहिए।
इससे पहले कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडीकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के बाद पूरे पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। पीड़िता हॉस्पिटल के ही एक सेमिनार हॉल में 9 अगस्त को मृत पाई गई थी।