लखनऊ: यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखें इसी महीने तय हो जाएंगी। माना जा रहा है कि अगले 10 से 15 दिनों में चुनाव आयोग (EC) कार्यक्रम जारी कर देगा। महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा के आम चुनाव होने हैं। इनके साथ ही यूपी के उपचुनाव का भी कार्यक्रम जारी होने के आसार हैं। सियासी दलों ने संभावनाओं को भांपते देते हुए उम्मीदवारों की घोषणा भी शुरू कर दी है।प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इसमें गाजियाबाद, कुंदरकी, खैर, मीरापुर, करहल, कटेहरी, मिल्कीपुर, मझवां, सीसामऊ और फूलपुर शामिल हैं। कानपुर की सीसामऊ सीट यहां के सपा विधायक इरफान सोलंकी के सजायाफ्ता होने के कारण खाली हुई थी, जबकि बाकी 9 सीटों के विधायक अब सांसद बन चुके हैं। आमतौर पर सीट खाली होने के 6 महीने के भीतर उसे भरना होता है। यूपी से सांसद बने 9 विधायकों ने 10 से 14 जून के बीच इस्तीफा दिया था। इस हिसाब से 14 दिसंबर के पहले ये सीटें भरी जानी चाहिए, लेकिन इरफान की सीट 7 जून को ही रिक्त घोषित की गई थी, इसलिए, यह 7 दिसंबर के पहले भरी जानी है, इसलिए नवंबर में चुनाव करवाने ही होंगे।
चुनाव आयोग ने शुरू की तैयारी
उपचुनावों को लेकर EC पहले ही आश्वस्त कर चुका है कि तय समय सीमा के भीतर ही इसे करवाया जाएगा। हालिया विधानसभा चुनाव के साथ इसे न कराए जाने के लिए आयोग ने मौसम सहित अन्य परिस्थितियों का तर्क दिया था। फिलहाल, 26 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है, इसलिए आयोग को उससे पहले वहां की चुनाव प्रक्रिया पूरी करनी होगी। पूरी प्रक्रिया में 27 से 30 दिन का समय लगता है। ऐसे में अगले कुछ दिनों में ही कार्यक्रम जारी हो जाएगा। इसके साथ ही यूपी के भी उपचुनाव की संभावना है। 8 नवंबर तक छठ का त्योहार है। इसके बाद ही मतदान के आसार हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। उपचुनाव वाले क्षेत्रों में तीन साल पूरा कर चुके अधिकारियों को हटाने के लिए कहा जा चुका है। पिछले दिनों यहां के अधिकारियों की चुनाव प्रक्रिया की ट्रेनिंग भी करवाई गई थी।
सियासी दल भी तैयार
2027 में प्रस्तावित यूपी के विधानसभा चुनाव के लगभग सवा दो साल पहले होने वाले उपचुनाव को सियासी दल सत्ता के सेमीफाइनल के तौर पर देख रहे हैं। उपचुनाव वाली सीटें वेस्ट, सेंट्रल, अवध, पूर्वांचल सहित प्रदेश के लगभग हर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं, इसलिए नतीजे संभावनाओं के लिटमस टेस्ट के तौर पर देखे जा रहे हैं। उपचुनाव वाली 10 सीटों में पांच सीटें एनडीए (तीन भाजपा, एक रालोद, एक निषाद पार्टी) और पांच सपा के पास थीं। दोनों की ही नजर अपनी संख्या बढ़ा टेंपो सेट करने पर है। सीएम योगी आदित्यनाथ उपचुनाव वाले सभी क्षेत्रों में हजारों करोड़ की योजनाओं की सौगात दे चुके हैं। वहीं, सपा ने छह सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। उसकी सहयोगी कांग्रेस वहां संविधान सम्मेलन कर रही है। दूसरी ओर बसपा ने भी कुछ सीटों पर चेहरे तय कर तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है।