नौतनवा (आनन्द श्रीवास्तव): नगर में लगातार चोरी की घटनाएं बढ़ रही है। चोर एक के बाद एक चोरियां करते जा रहे हैं और पुलिस लकीर पीटने के अलावा कुछ नहीं कर पा रही है। इससे नगर वासी डर के साये में जी रहे हैं और अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
15 अक्टूबर 2024 को एक ही रात में 6 घरो में चोरिया हुई थी, इन 6 घरो में से नौतनवा तहसील परिसर में स्थित दो सरकारी आवास भी शामिल है।
3 जनवरी 2025 को नगर के वार्ड नंबर 05 आंबेडकर नगर (परसोहिया मोहल्ला) के विशाल जायसवाल के घर में चोरी हुई।
10 जनवरी की रात 7 बजे जयप्रकाश नगर वार्ड के सुरज कुमार अग्रहरी की उनके घर के सामने खड़ी बाइक चोरी हो गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूरज कुमार अग्रहरी की जो बाइक चोरी हुई थी उस बाईक चोर को खुद बाइक के स्वामी ने खोज बीन कर पकड़ा और पुलिस के सुपुर्द किया. अब बताइए अब आम आदमी खुद पुलिस का काम कर रहा है और पुलिस…. खैर छोडिये अभी आगे और भी कुछ बाकी है।
25 जनवरी को नौतनवा थाना क्षेत्र के गांव खैराटी मुख्य मार्ग चौराहे पर स्थित ज्वेलरी की दुकान में चोरी हो गई।
1 फरवरी को नौतनवा कस्बे के महेन्द्र नगर में तीन दिनों से बंद पड़े घर को चोरों ने निशाना बनाया है।महेन्द्र नगर निवासिनी फूलमती देवी का पूरा परिवार घर बंद कर प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करने गया था।
गौरतलब है कि कस्बे में चोरी की वारदाते घटित न हो तथा अपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस द्वारा रात्रिकालीन गश्त की जाती है। इसके बावजूद चोरों द्वारा लगातार एक के बाद एक चोरी की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है।
इतनी चोरी की घटनाएं हो चुकी है। चोर कभी किसी घर को निशाना बना रहे है तो कही किसी के घर के सामने से बाइक उठा ले रहे है, और पुलिस खाना पूर्ति कर हाथ पर हाथ धर कर बैठी हुई है। एक बाइक चोर एवं बरामद बाइक को छोड़कर अब तक चोरों को पकड़ने और चोरी हुए सामानों की बरामदगी में पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली है।
लगातार हो रही इन चोरी की घटनाओं से नगरवासी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। वहीं पुलिस अब तक किसी भी बड़ी सफलता को हासिल नहीं कर पाई है। चोरी हुए सामानों की बरामदगी और चोरों की गिरफ्तारी में पुलिस की नाकामी ने लोगों को हताश कर दिया है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि अब आम नागरिकों को ही अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है। सूरज कुमार अग्रहरी की बाइक चोरी के मामले में यह साफ देखने को मिला कि खुद पीड़ित ने ही चोर को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। सवाल यह उठता है कि जब आम जनता ही पुलिस का काम कर रही है, तो फिर पुलिस की भूमिका क्या रह जाती है?