महराजगंज की सीमा से सटे नेपाल के नवल परासी जिले के हरपुर बीओपी पोस्ट के डीएसपी विष्णु अधिकारी ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उनकी टीम रोज की तरह अपने रूटीन गश्त पर पेट्रोलिंग कर रही थी। इसी दौरान उनकी नजर भारत की सीमा से सटे झरही नदी के बंधे के रास्ते पर पड़ी, जहाँ तस्करों का एक समूह भारी मात्रा में पटाखों को लेकर नेपाल की सीमा के सरावल वड़ा नंबर सात, बुडंतवापुर इलाके की ओर बढ़ रहा था।
एपीएफ के जवानों को देखते ही तस्कर अपने सामान को वहीं छोड़कर भाग निकले। तस्करों द्वारा छोड़े गए इन पटाखों की बाजार में कीमत लगभग एक लाख साठ हजार रुपये आंकी जा रही है। मौके पर जब्त किए गए पटाखों को बाद में महेशपुर भंसार कार्यालय के सुब्बा खेम थापा की देखरेख में नष्ट कर दिया गया।
सीमा पर सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी के बावजूद तस्करों के लगातार सक्रिय होने से यह स्पष्ट है कि त्योहारों के मौसम में तस्करी पर पूरी तरह से लगाम लगाना एक बड़ी चुनौती है। इंडो-नेपाल सीमा पर सख्त निगरानी होने के बावजूद तस्कर अलग-अलग रास्तों से सामानों की तस्करी करने में कामयाब हो जाते हैं।
हालांकि, इस बार नेपाल की एपीएफ पुलिस ने तस्करों के प्रयास को नाकाम कर दिया और भारी मात्रा में पटाखों को बरामद कर सीमा सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी को साबित किया है। अधिकारियों का मानना है कि त्योहारों के दौरान तस्करी के मामलों में बढ़ोतरी होती है, और इसलिए सीमाई क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की चौकसी को और भी सख्त करने की जरूरत है।