किसानों को फसल नुकसान पर मिलेगा 22,500 रुपए प्रति हैक्टेयर का मुआवजा

फसल नुकसान पर मिलेगा 22,500 रुपए

देश में असामान्य बारिश की वजह से किसानों को हर साल अधिक बारिश, जल भराव व बाढ़ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे किसानों की फसल को काफी नुकसान होता है। इस नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार किसानों के लिए योजनाओं के माध्यम से राहत पहुंचाती है। इस साल भी सितंबर माह में आई बारिश से कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात हो गए और किसानों के खेतों में पानी भर जाने से उनकी फसलों को नुकसान पहुंचा है। किसानों की इस समस्या को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए कृषि इनपुट अनुदान योजना (Agricultural Input Subsidy Scheme) शुरू की गई है। इस योजना के तहत किसानों की फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें अधिकतम 22,500 रुपए तक प्रति हैक्टेयर के हिसाब से अनुदान दिया जाएगा।

क्या है कृषि इनपुट अनुदान योजना

राज्य सरकार की ओर से कृषि इनपुट अनुदान योजना (Agricultural Input Subsidy Scheme) शुरू की गई है जिसका उद्देश्य किसानों की फसलों को अत्यधिक बारिश और बाढ़ के कारण हुए नुकसान की भरपाई करना है। इस योजना के तहत किसानों को उनकी फसल का मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजे की दर अलग-अलग क्षेत्रों के किसानों के लिए अलग-अलग रखी गई है। इस योजना के तहत अधिकतम 22,500 रुपए प्रति हैक्टेयर के हिसाब से मुआवजा राशि दी जाएगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रदेश के किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। किसानों को यह अनुदान अगली फसल लगाने के लिए बीज, खाद, कीटनाशक जैसे खर्चों के लिए दिया जा रहा है।

योजना के तहत कितना मिलेगा मुआवजा/अनुदान

कृषि इनपुट अनुदान योजना (Agricultural Input Subsidy Scheme) के तहत अलग-अलग क्षेत्र के लिए अलग-अलग मुआवजा या अनुदान राशि का निर्धारण किया गया है और उसी के अनुसार मुआवजा या अनुदान किसानों को प्रदान किया जाएगा। क्षेत्रानुसार किसानों को मुआवजा या अनुदान इस प्रकार से दिया जाएगा।

  • वर्षा आश्रित यानी असिंचित फसल क्षेत्र के किसानों को 8,000 रुपए प्रति हैक्टेयर की दर से मुआवजा या अनुदान दिया जाएगा।
  • सिंचित क्षेत्र के लिए किसानों को 17,000 रुपए प्रति हैक्टेयर की दर से मुआवजा या अनुदान देय होगा।
  • शाश्वत/बहुवर्षीय फसल के लिए किसानों को 22,500 रुपए प्रति हैक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जाएगा।
  • यह अनुदान या मुआवजा किसानों को अधिकतम 2 हैक्टेयर क्षेत्र के लिए ही दिया जाएगा।
  • इस तरह यदि कुल मुआवजा या अनुदान जो किसानों को दिया जाएगा उसमें असिंचित क्षेत्र के किसानों को अधिकतम 17,000 रुपए अनुदान मिलेगा। सिंचित क्षेत्र के किसानों को अधिकतम 34,000 रुपए और बहुवर्षीय फसलों के लिए अधिकतम 45,000 रुपए का अनुदान या मुआवजा दिया जाएगा।
  • एक पंजीकरण से आवेदन (शाश्वत फसल/गन्ना, धान, खरीफ दलहन, खरीफ तिलहन, मक्का, सब्जी, केला) में हुए नुकसान का लाभ ले सकते हैं। योजना का लाभ पंजीकृत रैयत और गैर रैयत दोनों तरह के किसानों को दिया जाएगा।
  • यहां रैयत किसान से मतलब उन किसानों से है, जो अपनी स्वयं की जमीन पर खेती कर रहे हैं। वहीं गैर रैयत किसान वे हैं, जो रैयत किसान की भूमि पर खेती कर रहे हैं।

योजना के तहत अनुदान या मुआवजे के लिए कहां करें आवेदन

यदि आप बिहार राज्य के किसान हैं तो आप राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई कृषि इनपुट अनुदान योजना (Agricultural Input Subsidy Scheme) के तहत आवेदन करके अधिक बारिश या बाढ़ से अपनी फसल को हुए नुकसान का मुआवाजा या अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको कृषि विभाग बिहार की आधिकारिक वेबसाइट dbtagriculture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा। आवेदन करने के लिए किसान के पास 13 अंकों की पंजीकरण संख्या होनी आवश्यक है। डीबीटी पोर्टल पर बाढ़ प्रभावित प्रखंडों एवं पंचायतों की सूची उपलब्ध है। किसान इस योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए किसान कॉल सेंटर 18001801551 पर कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा किसान संबंधित जिला कृषि पदाधिकारी से भी इस संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

आवेदन करते समय इन बातों का रखें ध्यान

कृषि इनपुट अनुदान योजना (Agricultural Input Subsidy Scheme) के तहत आवेदन करते समय किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, यह बातें इस प्रकार से हैं-

  • यदि किसान स्वयंभूधारी है तो उसे भूमि के दस्तावेज के लिए (वर्ष 2023-24 का एल.पी.सी/जमीन रसीद) संलग्न करनी होगी।
  • वास्तविक खेतिहर होने की स्थिति में स्व-घोषणा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
  • वास्तविक खेतिहर+स्वयं भू-धारी की स्थिति में भूमि के दस्तावेज के साथ-साथ स्व-घोषणा पत्र संलग्न करना आवश्यक है।
  • कृषि विभाग बिहार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसान के पास आधार से लिंक बैंक खाता होना जरूरी है।
  • योजना के तहत मिलने वाले अनुदान या मुआवजे की राशि किसान के आधार से लिंक बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। 

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