इसके बावजूद याचिकाकर्ता को निशाना बनाया जा रहा है और एक्स पर रिपोर्ट पोस्ट करने के बाद से कई अन्य एफआइआर भी दर्ज हो सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट मामले पर अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद करेगा।

याचिका में अभिषेक उपाध्याय ने आरोप लगाया है कि उनके विरुद्ध एफआइआर राज्य के कानून प्रवर्तन तंत्र के दुरुपयोग का प्रयास है ताकि उनकी आवाज दबाई जा सके। लिहाजा और उत्पीड़न रोकने के लिए इसे रद कर दिया जाना चाहिए। अधिवक्ता अनूप प्रकाश अवस्थी के जरिये दायर याचिका में उन्होंने दावा किया कि ‘यादव राज बनाम ठाकुर राज’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के बाद 20 सितंबर को उनके विरुद्ध लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआइआर दर्ज की गई थी।