नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को विश्वास जताया कि ‘‘आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर’’ हासिल करने का लक्ष्य जल्द ही साकार होगा। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को क्षेत्र में आतंकवाद पर पूरी तरह लगाम लगाने का निर्देश दिया।
केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए गृह मंत्रालय में एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान शाह ने कहा कि आतंकवाद के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘‘कतई बर्दाश्त नहीं’’ करने की नीति के अनुरूप ‘‘हम जल्द से जल्द आतंकवाद मुक्त जम्मू-कश्मीर के लक्ष्य को हासिल करेंगे।’’
मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि शाह ने आश्वासन दिया कि इस अभियान का समर्थन करने के लिए सभी आवश्यक संसाधन आवंटित किए जाएंगे।
गृह मंत्री ने केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि सभी सुरक्षाबलों के संयुक्त प्रयासों से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने का दृढ़ संकल्प लिया गया है। उन्होंने विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों में स्थानीय लोगों की उल्लेखनीय भागीदारी को लोकतंत्र में उनके विश्वास का प्रमाण बताया।
हाल में हुए जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए शाह की यह पहली बैठक थी। सितंबर-अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार बनी है।
बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा सेना, अर्धसैनिक बलों, जम्मू-कश्मीर प्रशासन, खुफिया एजेंसियों और गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
वर्ष 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और तत्कालीन राज्य जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद, जम्मू और कश्मीर में कानून-व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन आ गई है।
जम्मू-कश्मीर में छिटपुट आतंकी घटनाएं जारी हैं। 20 अक्टूबर को मध्य कश्मीर में आतंकी हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले घाटी में काम करने वाले बाहरी लोगों पर भी हमले हुए थे।