नई दिल्ली: मणिपुर में एक बार फिर से भारी हिंसा भड़क गई है। मणिपुर में पिछले एक साल से बेगुनाह लोगों का कत्लेआम जारी है। मणिपुर हिंसा सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बनती जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर हिंसा को लेकर सोमवार को अधिकारियों के साथ हाई लेवल बैठक भी की। उधर न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा ने मणिपुर हिंसा को राज्य की विफलता बताया है।उन्होंने कहा, ‘मणिपुर में हालात बहुत खराब हैं। सुरक्षा बलों पर हथियारों से हमले हो रहे हैं। 13-14 साल के बच्चे भी कुकी और मैतेई गुटों में भर्ती हो रहे हैं। मणिपुर में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई है। लोग खुलेआम हथियार लेकर घूम रहे हैं और सुरक्षा बलों को चुनौती दे रहे हैं। कुछ मामलों में तो असम राइफल्स के जवानों पर भी बंदूकें तान दी गई हैं।’
‘सबसे बड़ी चिंता है कि…’
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा ने कहा, ‘सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि दोनों गुटों में छोटे-छोटे बच्चे भर्ती हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि अगर इन्हें गिरफ्तार भी कर लिया जाता है तो नाबालिग होने के कारण इन्हें ज्यादा दिन जेल में नहीं रखा जाएगा। लोगों का कहना है कि सुरक्षा बल शांति स्थापित करने के लिए तैनात हैं, कार्रवाई करने के लिए नहीं। सेना और सुरक्षा बल वैसे ही व्यवहार करेंगे जैसे उन्हें सरकार की ओर से निर्देश दिया जाएगा।’
कश्मीर में बढ़ रहे आतंकी हमलों पर क्या बोले हुड्डा?
हुड्डा ने जम्मू-कश्मीर में बढ़ रहे आतंकी हमलों पर कहा, ‘ जम्मू-कश्मीर में भी हालात ठीक नहीं हैं। प्रवासियों नागरिकों पर लगातार हमले हो रहे हैं। सुरक्षा बलों को भी निशाना बनाया जा रहा है। इतनी बड़ी संख्या में घुसपैठ पाकिस्तानी सेना की मदद के बिना संभव नहीं है।’
सर्जिकल स्ट्राइक से क्या फायदा हुआ?
उन्होंने आगे कहा कि जम्मू क्षेत्र में कुछ आतंकी गुट महीनों से सक्रिय हैं। स्थानीय लोगों के सहयोग के बिना ये संभव नहीं है। जम्मू-कश्मीर में 2016 में सेना कैंप पर आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बात करते हुए हुड्डा ने कहा, ‘सर्जिकल स्ट्राइक से आतंकियों का मनोबल जरूर टूटा है। इससे यह संदेश गया है कि भारते बड़े आतंकी हमलों का मुंहतोड़ जवाब देगा।’