महराजगंज। भारत-नेपाल के खुले सीमा क्षेत्र से बड़ी मात्रा में ब्राजील के मक्के की तस्करी कर भारत लाया जा रहा है। तस्कर इस कार्य को कैरियर और पिकअप वाहनों के माध्यम से अंजाम दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, सीमावर्ती ग्राम सुण्डी, बैरिहवा, खनुआ की पगडंडियों का इस्तेमाल कर प्रतिदिन करीब 500 से 800 बोरी मक्के की खेप नेपाल से भारत पहुंचाई जा रही है।
भारत और नेपाल में मक्के की कीमत का अंतर तस्करी का मुख्य कारण-
भारत और नेपाल में खाद्य सामग्री, विशेषकर ब्राजील के मक्के की कीमत में भारी अंतर है। नेपाल में मक्के की कीमत 70-80 रुपये प्रति किलो के करीब है, जबकि भारत में इसे 110-120 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है। तस्कर इसी मुनाफे का फायदा उठाते हुए सीमा पर तस्करी को अंजाम दे रहे हैं।
पगडंडियों और बिना नंबर की बाइकों से तस्करी का खेल-
तस्कर पगडंडियों और नदी नालो का उपयोग कर मक्का सीमा पार करा रहे हैं। इसके लिए वे कैरियर, साइकिल, और बिना नंबर प्लेट की बाइकों का भी सहारा लेते हैं। अक्सर यह गतिविधियाँ रात के अंधेरे में या सुरक्षा एजेंसियों की नजरों से बचकर होती हैं। सुरक्षा एजेंसियों के बढ़े दबाव के दौरान, तस्कर मुख्य सीमा चौकियों को छोड़ पगडंडियों के रास्ते छोटे वाहनों का उपयोग करते हुए मक्का भारतीय क्षेत्र में लाते हैं।
हालांकि सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियाँ इस मुद्दे पर फिलहाल अनजान दिख रही हैं, जबकि तस्कर सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर अपने मंसूबे में सफल हो रहे हैं।
मक्के की तस्करी में व्यापारियों को बड़ा मुनाफा हो रहा है। नाम न छापने की शर्त पर एक व्यापारी ने बताया कि नेपाल में उन्हें 70-80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मक्का मिलता है, जबकि भारतीय बाजार में इसकी कीमत 110-120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाती है। इस अंतर के कारण, तस्कर तेजी से मक्के को नेपाल से भारत लाकर अधिक लाभ कमा रहे हैं।