लखनऊ: राजधानी लखनऊ में पुलिस की बर्बरता की घटनाएं नहीं रुक रही हैं। कुछ दिनों पहले चिनहट पुलिस की पिटाई से युवक मोहित पांडेय की मौत हो गई थी। अभी इसको कुछ दिन ही बीते हैं कि एक और लखनऊ पुलिस की बर्बरता का मामला सामने आया है। मोबाइल चोरी कबूलाने के लिए पुलिस ने कारीगर रोहित तिवारी को थर्ड डिग्री दी, जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई। वह उठ भी नहीं पा रहा है। आठ महीने की गर्भवती पत्नी बामुश्किल से उसकी देखभाल कर रही है।रोज कमाने वाला रोहित अब परिवार कैसे चलाएगा यह बड़ा सवाल है, क्योंकि एक महीने तक वह कार्य करने के योग्य नहीं है। ऐसे में पत्नी की दवा और खाने की दिक्कत उसके सामने खड़ी हो गई है। रोहित शटरिंग कारीगर है, जो अभी काम पर जाने में पूरी तरह से असमर्थ है।
रोहित ने बताया कि मीडिया से मैंने आरोपी हेड कॉन्स्टेबल आशुतोष सिंह के निलंबन की जानकारी हुई है, लेकिन ऐसे पुलिस कर्मियों के साथ अधिकारियों को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से करूंगा, जिससे कि आगे मेरे जैसे निर्दोष किसी और के साथ ऐसी घटना न हो। वहीं, पीड़ित रोहित तिवारी की पत्नी वंदना का रो-रो कर बुरा है। उसका कहना है कि इस अवस्था में मैं अपने घायल पति की देखरेख कैसे कर पाऊंगी।
यह था मामला
वृंदावन पुलिस चौकी में तैनात मुख्य आरक्षी आशुतोष सिंह ने मोबाइल चोरी का आरोप स्वीकारने के लिए एक युवक की बेरहमी से पिटाई की थी। युवक के शरीर पर चोट के निशान की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए तो आला अधिकारी हरकत में आए। शुक्रवार को डीसीपी ने आरोपी मुख्य आरक्षी आशुतोष सिंह को निलंबित कर दिया। साथ ही इसकी जांच एसीपी कैंट को सौंप दी।