इन सामानों पर लगेगा जीएसटी
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि, AAR बेंच ने कहा कि रेस्तरां की ओर से तैयार नहीं किए गए आसानी से उपलब्ध खाद्य और पेय पदार्थों जैसे चॉकलेट, चिप्स या बोतलबंद पेय की ओवर-द-काउंटर आपूर्ति रेस्तरां सेवा नहीं माना जाएगा। ऐसे प्रत्येक आइटम पर लागू GST की दर ही अप्लाई होगी। AAR की बेंच ने 2017 में आयोजित GST काउंसिल की बैठक और अक्टूबर में Central Board of Indirect Taxes and Customs (CBIC) की ओर से जारी एक हालिया सर्कुलर का हवाला दिया, जिसमें साफ किया गया था कि टेकअवे और डोरस्टेप डिलीवरी सेवाएं ‘रेस्तरां सेवाओं’ के दायरे में आती हैं।
रेस्तरां के लिए बढ़ेगी चुनौती
ऑर्टस कंसल्टिंग के चार्टर्ड एकाउंटेंट और इस मामले का प्रतिनिधित्व करने वाले चिंतन वासा ने कहा, ‘इस फैसले से स्थिति साफ हुई है। हालांकि, इससे उन रेस्तरां के लिए चुनौतियां पैदा होंगी, जो आसानी से उपलब्ध सामानों की ओवर-द-काउंटर आपूर्ति को ‘रेस्तरां सेवा’ के तौर पर ले रहे थे।’ उन्होंने कहा, ‘आइस-क्रीम पार्लर पर 5% GST लगाने के मामले में, GST काउंसिल की बैठक के बाद CBIC ने अगस्त 2022 में साफ किया कि उस पर 18% की दर लागू होगी। अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचने के लिए पिछले मामलों को पूरी तरह से भुगतान के रूप में माना जाएगा। GST काउंसिल को रेस्तरां के लिए इसी तरह के स्पष्टीकरण की सिफारिश करनी चाहिए।’ किसी केस में AAR का फैसला उस मामले के आवेदक पर ही लागू होता है, लेकिन इन्हें समान परिस्थितियों वाले विवादों को सुलझाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।