21 साल और 1341 मौतें… हाथरस से पहले के 14 हादसे, खत्म हो गई कई परिवारों की पुश्तें

 

लखनऊ: 2 जुलाई की तारीख… समय- दोपहर के डेढ़ बजे…जगह उत्तर प्रदेश का हाथरस जिला. यहां फुलरऊ गांव में भोले बाबा उर्फ सूरजपाल का सत्संग था. हजारों की तादाद में लोग सत्संग सुनने के लिए पहुंचे थे. जैसे ही सत्संग का समापन हुआ, अचानक वहां भगदड़ मच गई. इसमें 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. इस मामले में पुलिस ने मुख्य सेवादार देव प्रकाश और अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. लेकिन ये कोई पहला मामला नहीं है जब भगदड़ के कारण इतने लोगों की मौत हुई हो.

इससे पहले भी देश में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जब मंदिरों या अन्य धार्मिक स्थलों में भगदड़ मची और न जाने कितने ही श्रद्धालुओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया. इनमें महाराष्ट्र के मंधारदेवी मंदिर और राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर में मची भगदड़ भी शामिल है. इसके अलावा भी कई ऐसे हादसे सालों से देखने को मिलते रहे हैं. चलिए डालते हैं ऐसे ही हादसों पर एक नजर…

  • 31 मार्च, 2023 को इंदौर शहर के एक मंदिर में रामनवमी पर आयोजित हवन कार्यक्रम के दौरान एक प्राचीन ‘बावड़ी’ (कुएं) के ऊपर बनी स्लैब के ढह जाने से 36 लोगों की मौत हो गई.
  • 1 जनवरी, 2022 को जम्मू-कश्मीर में प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची. इस भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए.
  • 14 जुलाई, 2015 को आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में ‘पुष्करम’ उत्सव के पहले दिन गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान स्थल पर भगदड़ मची. इसमें 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए.
  • 3 अक्टूबर, 2014 को दशहरा समारोह समाप्त होने के तुरंत बाद पटना के गांधी मैदान में भगदड़ मची. इसमें 32 लोगों की मौत हो गई और 26 अन्य घायल हो गए.
  • 13 अक्टूबर, 2013 को मध्य प्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान भगदड़ मची. इसमें 115 लोग मारे गए और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए.
  • 19 नवंबर, 2012 को पटना में गंगा नदी के किनारे अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल के ढह जाने से भगदड़ मच गई. इसमें करीब 20 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए.
  • 8 नवंबर, 2011 को हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे हर-की-पौड़ी घाट पर अचानक से भगदड़ मची. इसमें 20 लोग मारे गए. कई अन्य घायल हुए.
  • 14 जनवरी, 2011 को केरल के इडुक्की जिले के पुलमेडु में एक जीप के घर जा रहे तीर्थयात्रियों से टकराने से भगदड़ मच गई. इसमें 104 सबरीमाला भक्त मारे गए और 40 से अधिक घायल हुए.
  • 4 मार्च, 2010 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में भगदड़ में लगभग 63 लोग मारे गए. लोग स्वयंभू भगवान से मुफ्त कपड़े और भोजन लेने के लिए एकत्र हुए थे.
  • 30 सितंबर, 2008 को राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाहों के कारण भगदड़ मच गई. इसमें लगभग 250 भक्त मारे गए और 60 से अधिक घायल हुए.
  • 3 अगस्त, 2008 को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में नैना देवी मंदिर में चट्टान गिरने की अफवाहों के कारण भगदड़ मच गई. इसमें 162 लोग मारे गए, 47 घायल हुए.
  • 25 जनवरी, 2005 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में मंधारदेवी मंदिर में वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान 340 से अधिक श्रद्धालुओं की कुचलकर मौत हो गई. सैकड़ों लोग इसमें घायल हुए.
  • 27 अगस्त, 2003 को महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेले में पवित्र स्नान के दौरान भगदड़ मच गई. इसमें 39 लोग मारे गए और 140 घायल हुए.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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